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जब तक भारत के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल नहीं जीत लेती, हार नहीं मानूंगी - मैरी कॉम

विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरीकॉम ने बुधवार को कहा कि ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना उनका सपना है।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 12:04 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 12:04 AM (IST)
जब तक भारत के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल नहीं जीत लेती, हार नहीं मानूंगी - मैरी कॉम
जब तक भारत के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल नहीं जीत लेती, हार नहीं मानूंगी - मैरी कॉम

नई दिल्ली, आईएएनएस। भारत की स्टार महिला मुक्केबाज छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम ने ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता है। मैरी ने लंदन ओलंपिक में भारत के लिए कामयाबी हासिल की थी। ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं। अब मैरी ने कहा है कि वो अपने देश के लिए ओलंपिक गोल्ड जीतना चाहती हैं।

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विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरीकॉम ने बुधवार को कहा कि ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना उनका सपना है। वह अपने इस सपने को पूरा करने के बाद ही दम लेंगी। जब तक वह अपने इस लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाती जब तक अपना बेस्ट देने के लिए मुक्केबाजी करती रहेंगी।

साल 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक में पहली बार महिला मुक्केबाजी को शामिल किया गया था। मैरी कॉम ने 51 किग्रा वर्ग में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। इसके बाद 2016 में हुए रियो ओलंपिक के लिए वह क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। दुनिया की सबसे जुझारू महिला मुक्केबाज मैरी ने 2020 (अब 2021 में होगा आयोजन) के लिए अपना पूरा जोर लगाया और ओलंपिक टिकट भी हासिल किया।

पिछले महीने ही जॉर्डन में हुए एशिया ओसिनिया बॉक्सिंग ओलंपिक क्वालीफायर में मैरी ने शानदार खेल के दम पर टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल किया था। कोरोनावायरस के खतरे की वजह से इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया।

मैरी कॉम ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के लिए फेसबुक लाइव पर अपना दिल की बात बताई। उन्होंने कहा, "मेरा ध्यान ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतना है। इतनी उम्र होने के बाद भी मैं अब तक कड़ी मेहनत कर रही हूं। सबसे पहले तो मेरे लिए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना काफी मुश्किल था, जिसे अब अगले साल तक के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "वर्ल्ड चैंपियनशिप या फिर ओलंपिक इसमें जगह बनाने के लिए मेरे पास कोई सीक्रेट फार्मुला नहीं है। मैं हमेशा कड़ी मेहनत और लगातार संघर्ष करती रहूंगी। मैं हार तब तक नहीं मानने वाली जब तक मैं ओलंपिक में गोल्ड मेडल नहीं जीत लूंगी।"


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