4 घंटे में 2 किलोग्राम वजन घटाकर मैरी कॉम ने जीता था गोल्ड मेडल
पोलैंड में एक टूर्नामेंट से ठीक पहले मैरी कॉम ने चार घंटे में दो किलो वजन कम किया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चार घंटे में दो किलोग्राम वजन कम करना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक मुश्किल काम है लेकिन पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने ये कर दिखाया। उन्होंने ना सिर्फ इस मुश्किल काम को अंजाम दिया बल्कि भारत के लिए गोल्ड मेडल भी जीता। इस बात का खुलासा खुद मैरी कॉम ने ही किया। मैरी कॉम ने पोलैंड मे आयोजित एक टूर्नामेंट में ये कमाल किया और इस वर्ष का अपना तीसरा गोल्ड मेडल हासिल किया।
इस घटना का जिक्र करते हुए मैरी कॉम ने कहा कि पोलैंड में हम लगभग 3:00 से 3:30 सुबह पहुंचे और हमारा वजन टूर्नामेंट के लिए 7:30 बजे होना था। मेरा वजन उस वक्त 48 किलोग्राम से ज्यादा था और मुझे इसी भारवर्ग में मुकाबला लड़ना था। मेरे पास वजन कम करने के लिए सिर्फ चार घंटे का वक्त था और अगर मैं ऐसा नहीं करती तो मैं मुकाबले से बाहर हो जाती। इसके बाद मैंने लगभग एक घंटे तक स्किपींग की और इसके बाद कुछ अन्य कसरत भी की। फिर मैं पूरी तरह से तैयार थी। उन्होंने बताया कि जिस फ्लाइट से मैं पोलैंड आई थी वो खाली थी और मुझे पांव फैलाकर सोने को मिल गया। इसकी वजह से मुझे काफी मदद मिली और मुझे ज्यादा थकान भी नहीं हुई। अगर मैं अच्छे से नहीं सो पाती तो मुझे नहीं पता कि मैं किस तरह से इस टूर्नामेंट के लिए खुद को बचा पाती। इसके बाद मैरी कॉम ने उस टूर्नामेंट में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता।
मैरी कॉम ने कहा कि मैं कभी भी अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं होती हूं। मैं हमेशा एक नई रणनीति के तहत अपना वर्कआउट करती हूं। मुझमें बॉक्सिंग को लेकर पागलपन है लेकिन मैं आक्रामक नहीं हूं। मैं हमेशा अपने विरोधी खिलाड़ी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करती हूं जिससे कि मैं उसे हरा सकूं। उन्होंने कहा कि मेरी सफलता में मेरे पति का काफी योगदान हैं और उनकी वजह से मैं अपनी तैयारी बड़े आराम से करने के साथ-साथ अपने लाइन से भटकती नहीं हूं।
मैरी कॉम कुछ ही महीनों में 36 वर्ष की हो जाएंगी और इसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। नवंबर में आयोजित होने वाला वर्ल्ड चैंपियनशिप मेरा आखिरी टूर्नामेंट नहीं होगा। मैं 2020 टोक्यो ओलंपिक तक खेलूंगी। मैं अपनी हद जानती हूं लेकिन मुझे अच्छी तरह से पता है कि मेरी ताकत क्या है। अगर मैं इंजर्ड होती हूं तब देखा जाएका कि आगे क्या करना है।
एक बॉक्सर के तौर पर काफी सारी सफताएं अर्जित कर चुकीं मैरी कॉम ने कहा कि दिल्ली में होने वाली विश्व चैंपियनशिप उनके लिए बड़ा टेस्ट होगा। मैं इस प्रतियोगिता में अपना बेस्ट देने की कोशिश करूंगी। मैं मेडल जीतूंगी या नहीं इसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती। इस तरह की प्रतियोगिता में आप मेडल जीतने की गारंटी नहीं दे सकतीं है क्योंकि आपको खुद ही नहीं पता होता कि क्या होना है। एशियन गेम्स में भारतीय महिला बॉक्सर्स ने कोई भी मेडल नहीं जीता इसके बारे में उन्होंने कहा कि ये काफी दुखद था। मेरा सुझाव ये है कि हमें अपनी तकनीक पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। महिला बॉक्सरों को काफी कुछ सीखने की जरूरत है साथ ही तकनीक के अलावा अपने दिमाग से भी काम लेने की आवश्यकता है।