सड़क पर भटकती रहीं पदक विजेता बेटियां, खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आयोजकों की लापरवाही
Khelo India Youth Games 2020 खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आयोजकों की लापरवाही की वजह से रजत पदक विजेता खिलाड़ी सड़क पर भटकती रहीं।
रांची, संजीव रंजन। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हॉकी का रजत पदक जीतने वाली झारखंड की बेटियों को आयोजकों द्वारा गुवाहाटी में सड़क पर उतारकर भूखे-प्यासे छोड़ देने का मामला सामने आया है। आयोजकों की इस लापरवाही के चलते खिलाडि़यों को काफी परेशानी हुई और वे सड़क पर असहाय बैठी रहीं।
झारखंड की टीम को गुवाहाटी स्टेशन के समीप चिरोम प्लेस में ठहराया गया था। टीम की वापसी बुधवार की रात नौ बजे ट्रेन से होनी थी। इस बीच बुधवार की सुबह आयोजकों ने टीम प्रबंधन से कहा कि सभी को दूसरे होटल में शिफ्ट होना है, इसलिए जल्द होटल खाली कर दें।
कहा गया कि दूसरा होटल यहां से नजदीक है, पांच मिनट में पहुंच जाएंगे। लगभग 10 बजे खिलाड़ी होटल खाली कर सड़क पर आ गए। आयोजकों द्वारा एक छोटी बस लाकर आधे खिलाडि़यों को उसमें बैठाया गया, बाकी को कहा गया कि पांच मिनट में आप सब वहां पहुंच जाइए। लेकिन, दोपहर दो बजे तक खिलाड़ी भटकते रहे और उन्हें होटल नहीं मिला।
बाथरूम के लिए भी भटके
टीम के साथ गए हॉकी झारखंड के महासचिव विजय सिंह, सह सचिव मनोज कोनबेगी ने इस संदर्भ में आयोजकों से बात की, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला। उन लोगों ने अपने पैसे से खिलाडि़यों के लिए नाश्ते का प्रबंध किया। खिलाडि़यों की स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें बाथरूम जाने के लिए भी भटकना पड़ रहा था।
हॉकी झारखंड के सह सचिव मनोज कोनबेगी ने फोन पर बताया कि दोपहर दो बजे तक हमें कोई होटल नहीं दिया गया। खिलाडि़यों के साथ हम लोग भटक रहे हैं। ट्रेन रात में है और आयोजक हमें सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं।खेलो इंडिया यूथ गेम्स में झारखंड की टीम ने अंडर-17 व अंडर 21 बालिका वर्ग में रजत पदक जीता था। दोनों वगरें के फाइनल में झारखंड की टीम हरियाणा से पराजित हुई थी।
आपत्ति के बाद मिली छत व भोजन
हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह की सख्त आपत्ति के बाद आयोजकों ने खिलाडि़यों को लगभग ढाई बजे गेस्ट हाउस मुहैया कराया, जिसके बाद करीब तीन बजे उन्हें भोजन नसीब हुआ। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि झारखंड की बेटियों के साथ गुवाहाटी में जो हुआ है वह निंदनीय है। खेलो इंडिया का आयोजन खिलाडि़यों की प्रतिभा निखारने व एक मंच देने के लिए किया जाता है। इस आयोजन में भारी राशि खर्च की जाती है। ऐसे में खिलाडि़यों के साथ ऐसा बर्ताव गलत है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री के सपने को इस तरह अमली जामा पहनाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।