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खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स: जमीनी स्तर पर तराशे जा रहे हैं युवा खिलाड़ी- सुशील कुमार

Khelo India University Games देश के पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का भव्य आगाज ओडिशा में हो चुका है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 08:37 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 08:37 PM (IST)
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स: जमीनी स्तर पर तराशे जा रहे हैं युवा खिलाड़ी- सुशील कुमार
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स: जमीनी स्तर पर तराशे जा रहे हैं युवा खिलाड़ी- सुशील कुमार

सुशील कुमार का कॉलम

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देश के पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का भव्य आगाज ओडिशा में हो चुका है। खेल से जुड़ा होने के नाते मेरा ये देखना सुखद है कि खेल मंत्रालय ने इस तरह की अनूठी पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण ने ये भी साफ कर दिया कि खिलाडि़यों को अपने खेल कौशल को निखारने के अलावा अन्य किसी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है। और ये भी कि सरकार खिलाडि़यों के सफर में हर स्तर पर हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है।

जब मैंने खेल में पहले कदम बढ़ाए थे, उसके बाद से देश में खेलों को लेकर काफी कुछ बदल चुका है। खेलो इंडिया योजना के तहत जमीनी स्तर पर युवा खिलाडि़यों को तलाशने और तराशने की दिशा में सरकार के प्रयास काफी शानदार रहे हैं। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक ढांचागत व्यवस्था की कमी महसूस की जा रही थी। जब अलग-अलग विश्वविद्यालय ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं तो इससे खिलाडि़यों को बड़े स्तर पर चुनौतियों का सामना करने का मौका नहीं मिलता है, लेकिन खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स इस कमी को पूरा करने में सक्षम है। पश्चिमी देशों में यूनिवर्सिटी गेम्स खेल प्रतिभाओं को तराशने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिसके बाद खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करते भी दिखाई देते हैं मगर भारत में पढ़ाई के दबाव में युवा प्रतिभाएं हाई स्कूल या यूनिवर्सिटी स्तर पर खेल से किनारा करने लगती हैं। मुझे लगता है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे प्रयासों से आने वाले सालों में अधिक से अधिक युवा खेलों को गंभीरता से लेंगे।

सरकार का कोई भी प्रयास तब तक फलदायक नहीं हो सकता जब तक कि देश में खेल संस्कृति न बने और देश में खेल संस्कृति बनाना इस बात पर निर्भर करता है कि अभिभावकों का खेलों के प्रति नजरिया क्या है। क्या वह इसे सिर्फ पढ़ाई का हिस्सा मानते हैं या फिर बच्चों के विकास में अहम तत्व की तरह देखते हैं। वास्तव में खेल और पढ़ाई के बीच एक संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2020 जबरदस्त आयोजन होने जा रहा है, जिसमें 3000 से ज्यादा एथलीट 17 खेलों में हिस्सा लेंगे। मेरी कोशिश खुद जाकर इन प्रतियोगिताओं को देखने और एथलीटों से मिलने की रहेगी। मैं सभी एथलीटों को शुभकामनाएं देता हूं। उम्मीद है कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन लेकर आएंगे और इसका लुत्फ उठाएंगे।


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