ओलंपिक पदक के लिए रेस समय में सुधार जरूरी: जॉनसन
मंजीत और मेरा एक जैसा खेल रहता है। 800 मीटर में दूसरे स्थान पर रहकर मैं थोड़ा सा निराश हो गया था
नई दिल्ली,निखिल शर्मा। एशियन गेम्स में 800 मीटर व 1500 मीटर स्पर्धा में केरल के जिंसन जॉनसन स्वर्ण की एक बड़ी उम्मीद थे। 800 मीटर में दूसरे स्थान पर रहकर जॉनसन ने 1500 मीटर में किसी को कोई मौका नहीं दिया और स्वर्ण अपने नाम किया। जॉनसन के इस स्वर्णिम सफर पर निखिल शर्मा ने उनसे बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :
आप 1500मी की रेस में एक समय बराबर पर चल रहे थे, लेकिन आखिरी समय आते ही आपने सबको पछाड़ दिया?
मंजीत और मेरा एक जैसा खेल रहता है। 800 मीटर में दूसरे स्थान पर रहकर मैं थोड़ा सा निराश हो गया था, लेकिन 1500 मीटर में मैं पूरी तरह से तैयार था। मैं कोई गलती नहीं करना चाहता था जिससे कोई मेरे से आगे नहीं निकल पाए।
एशियन गेम्स में एथलेटिक्स में बेहतर प्रदर्शन के पीछे की वजह?
अभी हमारे खेल मंत्री एक पदक विजेता हैं। वह खिलाड़ियों और उनकी जरूरतों को अच्छी तरह से समझते हैं। हमारी फेडरेशन ने भी हमारे लिए काफी अच्छा किया। हम पूरी मेहनत के लिए तैयार हैं और अगर हमें इसी तरह से मदद मिली। नतीजा अब सबके सामने है।
अगर आप 3:44:02 मिनट की स्पीड से रियो ओलंपिक में रेस खत्म करते तो आप तब स्वर्ण पदक जीत गए होते?
हां, उस समय के हिसाब से मैं स्वर्ण जीत गया होता। बड़ी रेस में आपको रणनीति बनानी होती है। अगर हमें ओलंपिक में अच्छा करना है तो रेस टाइम को कम करना होगा। मेरा सर्वश्रेष्ठ समय 3:37:01 मिनट है। मैं इसको और भी कम करने की कोशिश कर रहा हूं। अगर आप 800 मीटर में देखें तो अच्छी रफ्तार मिलने से आप रेस जीत सकते हैं।
जकार्ता में थे तो केरल में बाढ़ आई थी। आप खुद केरल से हैं क्या चल रहा था मन में?
जिनको यह सब सहना पड़ा उनको ज्यादा पता हो सकता है। वहां हम लोग सभी परेशान थे। मैं कैलीकट से हूं जहां बाढ़ का इतना प्रभाव नहीं पड़ा था। उम्मीद है केरल जल्द ही उभर जाएगा।
एशियन में तो स्वर्ण जीत लिया। ओलंपिक के लिए क्या सोचा है?
जेएस भाटिया हमारे कोच हैं। केन्याई रेस तेज करते हैं। ओलंपिक में पदक के लिए हमें उनसे बेहतर करना होगा, यानि अपने समय में सुधार करना होगा।