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भारतीय रेसलर रवि कुमार ने एशियाई चैंपियनशिप में लगाई गोल्ड मेडल का हैट्रिक

रवि कुमार दाहिया ने एशियाई चैंपियनशिप में अपना दबदबा जारी रखा और 57 किलोग्राम भारवर्ग में लगातार तीसरा गोल्ड मेडल अपने नाम किया। रवि कुमार एशियाई चैंपियनशिप में लगातार तीन गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 23 Apr 2022 05:02 PM (IST)Updated: Sat, 23 Apr 2022 08:58 PM (IST)
भारतीय रेसलर रवि कुमार ने एशियाई चैंपियनशिप में लगाई गोल्ड मेडल का हैट्रिक
रवि कुमार ने एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता (एपी फोटो)

उलानबटोर, प्रेट्र। भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया (57 किग्रा) ने शनिवार को यहां कजाखस्तान के रखत कालजान के खिलाफ दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए एशियाई चैंपियनशिप में जीत दर्ज की, जबकि वापसी कर रहे अनुभवी बजरंग पुनिया को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। टोक्यो ओलिंपिक के पदक विजेता रवि दहिया ने यहां फाइनल में तकनीकी श्रेष्ठता के बूते जीत दर्ज की और लगातार तीसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया। गौरव बालियान (79 किग्रा) ने भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया लेकिन फाइनल में जीत के करीब पहुंच कर रजत से संतोष करना पड़ा।

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भारत के दो अन्य पहलवान सत्यव्रत कादियान (97 किग्रा) और नवीन (70 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते। इस तरह भारत के पांचों पुरुष पहलवान इस प्रतियोगिता में पदक जीतने में सफल रहे। रवि ने अपने सभी मुकाबलों में शुरू में बढ़त गंवा दी थी लेकिन उन्होंने शानदार तरीके से वापसी करते हुए पुरुष फ्रीस्टाइल स्पर्धा में सभी प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया। यह उनका सत्र का दूसरा फाइनल था। उन्होंने फरवरी में डान कोलोव स्पर्धा में रजत पदक जीता था। रवि से पहले किसी भी भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान ने एशियाई चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक नहीं जीते थे।

इससे पहले, पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल की खिताबी भिड़ंत में कलजान टेक डाउन से आगे हो गए थे और काफी समय तक उन्होंने रवि को कोई अंक नहीं लेने दिया। लेकिन अपनी शैली के अनुरूप भारतीय पहलवान ने तकनीकी श्रेष्ठता की बदौलत मुकाबले पर दबदबा बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने छह लगातार टू-प्वाइंटर हासिल किए और इस दौरान खुद को लेफ्ट-लेग अटैक से भी बचाया जिससे यह मुकाबला दूसरे पीरियड के शुरू में ही खत्म हो गया और भारत ने इस साल टूर्नामेंट का पहला स्वर्ण पदक जीत लिया।

रवि ने इससे पहले दिल्ली में 2020 चरण में और पिछले साल अलमाटी में भी स्वर्ण पदक जीता था।वहीं, बजरंग यहां पूरे लय में नहीं दिखे। वह आक्रमण से ज्यादा रक्षात्मक खेल का सहारा लेते दिखे। ईरान के मौजूदा जूनियर चैंपियन रहमान मौसा अमौजादखली के खिलाफ फाइनल में बजरंग कभी प्रभावी नहीं दिखे। ईरान के पहलवान ने बजरंग के ऊपरी शरीर के साथ कलाई पर मजबूत पकड़ बना ली। रहमान ने बजरंग के दाहिने पैर पर हमले के साथ दो अंक अर्जित किए और भारतीय पहलवान की वापसी का मौका खत्म कर दिया।

यह एशियाई चैंपियनशिप में बजरंग का आठवां पदक था।गौरव ने ईरान के दिग्गज अली बख्तियार सावादकौही के खिलाफ फाइनल में दमदार प्रदर्शन किया। वह एक समय 0-8 से पिछड़ रहे थे लेकिन उन्होंने स्कोर को 9-9 से बराबर कर दिया। ईरान के खिलाड़ी को अधिक अंक (चार अंक) वाले चाल के कारण विजेता घोषित किया गया। भारत ने इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और चार रजत सहित कुल 15 पदक जीते हैं।


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