ओलंपिक मेडल 1 साल बाद भी जीता जा सकता है, इस वक्त जान बचाना ज्यादा जरूरी है- बजरंग पूनिया
टोक्यो ओलंपिक के इस साल स्थगित होने से तमाम खिलाड़ी दुखी भी हैं लेकिन उनका मानना है कि हालिया स्थिति में इसे टालने का फैसला सही है।
अनिल भारद्वाज। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से इस वक्त लगभग पूरा विश्व लॉकडाउन की स्थिति में है। ऐसे में इस खतरनाक महामारी की गंभीरता को देखते हुए इस साल जापान में होने वाले ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया। 24 जुलाई से 9 अगस्त 2020 को होने वाला ये आयोजन अब यह 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच 2021 में कराया जाएगा।
टोक्यो ओलंपिक के इस साल स्थगित होने से तमाम खिलाड़ी दुखी भी हैं लेकिन उनका मानना है कि हालिया स्थिति में इसे टालने का फैसला सही है। भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया से अनिल भारद्वाज ने इन्हीं सभी बातों पर चर्चा की।
अब टोक्यो ओलंपिक 2021 में होगा। इसे आप कैसे देख रहे हो? -
मेरा मानना है कि पदक अगले वर्ष जीता जा सकता है, इस वक्त लोगों की जान बचाई जानी जरूरी है। इस वक्त ओलंपिक की नहीं, लोगों की चिंता है। पहले हमने कोरोना से जीतना है और फिर ओलंपिक जीतना है।
ओलंपिक एक वर्ष आगे गया, बजरंग के लिए कितना फायदा व नुकसान होगा?
अब अगले वर्ष के लिए तैयारी करनी है। कोई फायदा व नुकसान नहीं होगा। क्योंकि एक वर्ष में कोई नया पहलवान नहीं आएगा और कोई जाएगा नहीं। लबभग वही पहलवान रहेंगे। हां, एक चुनौती रहेगी कि अपने को फीट व तैयार रखने की। कोरोना से जीत मिलने के बाद फिर से टोक्यो में पदक जीतने के लिए तैयारी शुरू की जाएगी।
दिल्ली में हुई एशिया चैंपियनशिप में आप स्वर्ण पदक से चुक गए थे, क्या तैयारी बेहतर नहीं थी ?
जब फाइनल में दो खिलाड़ी खेलते हैं तो दोनो के पास जीतने का बराबर का चांस होता है। यह सही मेरे हाथ रजत पदक लगा था लेकिन इसका मतलब यही नहीं था कि मेरी टोक्यो ओलंपिक की तैयारी बेहतर नहीं थी। हर मुकाबला खिलाड़ी को जीत-हार के साथ कुछ नया सिखाता है। जिसके साथ फाइनल था वह अच्छा पहलवान था। हमारे बीच कई मुकाबलों में हार-जीत हुई है। -
कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए आपका कोई संदेश?
सभी सरकार के नियम की पालना करें और अपने को बचाते हुए दूसरों का ख्याल रखे। हर भाई थोड़ा- थोड़ा प्रदेश व केंद्र सरकार को पैसे का सहयोग करे। अपने आस पास ध्यान रखे, कोई भूखा नहीं रहना चाहिए। अगर ज्यादा लोग हैं तो हर घर कुछ-कुछ लोगों की भोजन कराने की जिम्मेदारी ले ले।