भारतीय खिलाड़ियों को सिखाई गई जापानी संस्कृति, कोरोना वायरस से चिंतित नहीं खेल मंत्री
भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलंपिक के लिए जापान की संस्कृति को सीखा है। इस दौरान खेल मंत्री भी मौजूद थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। खेल मंत्रालय ने गुरुवार को टोक्यो ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए भारतीय एथलीटों और प्रतिनिधिमंडल के लिए एक सांस्कृतिक संवेदनशीलता कार्यशाला का आयोजन किया जिसका नाम ओमोटेनाशी रखा गया। ओमोटेनाशी (अतिथि देवो भव: का जापानी संस्करण) भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के सहयोग से भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा आयोजित किया गया था।
खेल मंत्री किरन रिजिजू ने कार्यशाला का उद्घाटन किया, जिसमें निशानेबाज मनु भाकर, संजीव राजपूत, दीपक कुमार, अभिषेक वर्मा, यशस्विनी सिंह देसवाल, पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार दहिया, दिव्या काकरान और पैरा-एथलीट संदीप चौधरी आदि खिलाडि़यों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जापानी संस्कृति से खिलाडि़यों को अंतरंग करना था जिसमें टोक्यो में एक ट्रेन में यात्रा कैसे करें, किमोनो कैसे पहनें, उचित भोजन के लिए चीनी कांटों का कैसे उपयोग करें, शिष्टाचार आदि शामिल था। कार्यशाला का आयोजन आइओए के महासचिव राजीव मेहता और एक जापानी प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति में किया गया जिसमें प्रोफेसर हिसानी सनाडा और पूर्व एयर होस्टेस इजुमी एगामी आदि शामिल थे
कोरोना को लेकर चिंतित नहीं रिजिजू
खेल मंत्री किरन रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस की चिंताओं के बावजूद उन्हें इस साल टोक्यो ओलंपिक कार्यक्रम के अनुसार आयोजित होने की उम्मीद है। ओलंपिक खेलों का आयोजन इस साल जुलाई-अगस्त में किया जाएगा, लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के वरिष्ठ सदस्य डिक पाउंड ने कहा कि अगर मई तक खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित नहीं किया गया तो टोक्यो ओलंपिक को रद करना पड़ सकता है।
रिजिजू ने कहा, "वायरस चीन में है, टोक्यो में नहीं। मौजूदा परिस्थितियों की मांग है कि इस संकट से लड़ने में सभी एकजुट हों। हमें मिलकर हर परिस्थिति से लड़ना होगा। मुझे टोक्यो ओलंपिक के 24 जुलाई से शुरू होने और इनके अच्छी तरह आगे बढ़ने की उम्मीद है। दुनिया एक समुदाय की तरह है। हमें एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए। भारत की ओलंपिक तैयारियों के बारे में रिजिजू ने कहा कि रियो ओलंपिक में की गई रख-रखाव संबंधित गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा।"