मैरीकॉम ने कहा- थकी नहीं हूं मैं, मेरी नजर 2020 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने पर
मैरीकॉम की नजर अब अगले ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर है।
नई दिल्ली, जेएनएन। विश्व चैंपियनशिप में छह गोल्ड, ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल, एशियन गेम्स में दो मेडल, एशियन चैंपियनशिप में पांच गोल्ड के अलावा और भी कई अन्य प्रतियोगिताओं में बड़ी-बड़ी सफलता हासिल कर चुकी भारतीय महिला बॉक्सर मैरीकॉम की जीत की भूख अभी खत्म नहीं हुई है। 35 वर्ष की मैरीकॉम ने कहा कि मैं अभी थकी नहीं हूं। अब मेरा लक्ष्य वर्ष 2010 में टोक्यो में आयोजित ओलंपिक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने पर है।
तीन बच्चों की मां मैरीकॉम दुनिया की पहली महिला बॉक्सर बनीं जब उन्होंने दिल्ली में आयोजित महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। 48 किलोग्राम भारवर्ग प्रतियोगिता में उन्होंने फाइनल में यूक्रेन कि हना ओखोता को 5-0 से हराया था। मैरीकॉम ने कहा कि मेरे अंदर जीत की भूख अब भी मौजूद है। मुझे पता है कि मैं 35 वर्ष की हूं, लेकिन मेरे पास अनुभव है। मेरा पूरा परिवार मेरे साथ है और वो हर कदम पर मेरा सपोर्ट करते हैं। विश्व चैंपियनशिप में छह गोल्ड जीतना आसान नहीं है। मैं सच में काफी खूश हूं कि मैंने अपने देश को गर्व का ये पल दिया और मेरी ये कोशिश रहेगी कि आगे में मैं इसी तरह से जीत हासिल करती रहूं।
मैरीकॉम से जब ये पूछा गया कि आप अपने किस विश्व चैंपियनशिप खिताब की जीत को बेस्ट मानती हैं तो उन्होंने कहा कि अपने देश में अपने लोगों के बीच मेडल जीतना हमेशा काफी खास होता है। वर्ष 2006 में मुझे काफी सपोर्ट मिला लेकिन इस बार उससे ज्यादा फैंस इस मुकाबले के लिए ग्राउंड पर मौजूद थे और मैं तहेदिल से सबका शुक्रिया अदा करती हूं।
2020 टोक्यो ओलंपिक के बारे में मैरीकॉम ने कहा कि अभी मेरे पास इसकी तैयारी के लिए वक्त है। अगर मैं वहां खेलती हू्ं तो आपसे वादा करती हूं कि अपने देश को गौरव का पल जरूर दूंगी।