अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने के लिए सौरभ वर्मा को मदद की जरूरत
सौरभ वर्मा ने आर्थिक मदद की मांग करते हुए कहा कि उन्हें अपनी मौजूदा विश्व रैंकिंग सुधारने के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में खेलना होगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय चैंपियन सौरभ वर्मा ने आर्थिक मदद की मांग करते हुए कहा कि उन्हें अपनी मौजूदा विश्व रैंकिंग सुधारने के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में खेलना होगा। सौरभ ने 2011 में पहली बार सीनियर स्तर का राष्ट्रीय खिताब जीता था, लेकिन बार-बार चोटिल होने के कारण यह खिलाड़ी लगातार खेलने में विफल रहा है, इससे उनकी रैंकिंग में गिरावट आ गई। वह 2012 में करियर के सर्वश्रेष्ठ 30वें स्थान पर थे, लेकिन मौजूदा समय में 55वें पायदान पर हैं।
सौरभ ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में खेलने के लिए मुझे आर्थिक सहयोग नहीं मिल रहा। अब नए नियम के मुताबिक भारतीय बैडमिंटन संघ शीर्ष-25 खिलाडि़यों को आर्थिक मदद देता है। इस वजह से मैं सीमित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में ही भाग ले सका और मेरी रैंकिंग में गिरावट आ गई। मुझे अधिक रैंकिंग अंक प्राप्त करने के लिए कम से कम 10-12 टूर्नामेंट खेलने की आवश्यकता है। मुझे पिछले साल घुटने की समस्या थी, जिसकी देखभाल मुझे खुद करनी थी। मैं अपने दम पर टूर्नामेंट खेल रहा हूं। एक खिलाड़ी के लिए यह काफी मुश्किल हो जाता है जब उसे खुद ही सब कुछ प्रबंध करना पड़े। मैं बार्सिलोना मास्टर्स के बाद स्विस ओपन और ऑरलियंस ओपन खेलूंगा। मैंने अपने वीजा के लिए भुगतान किया और खुद ही सारे खर्च (होटल और यात्रा) का वहन कर रहा हूं, इसलिए मेरे पास बड़े टूर्नामेंट खेलने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं हैं।'
पिछले साल कंधे की चोट से उबर कर सौरभ ने रूस ओपन और डच ओपन के रूप में दो सुपर 100 टूर्नामेंट अपने नाम किए। पिछले सप्ताह गुवाहाटी में वह राष्ट्रीय चैंपियन बने।