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कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैंपियनशिप हुई तो नहीं होगा कॉमनवेल्थ गेम्स का बहिष्कार

Commonwealth Games भारतीय ओलंपिक संघ और कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के बीच तनातनी जारी है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 03:02 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 03:02 PM (IST)
कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैंपियनशिप हुई तो नहीं होगा कॉमनवेल्थ गेम्स का बहिष्कार
कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैंपियनशिप हुई तो नहीं होगा कॉमनवेल्थ गेम्स का बहिष्कार

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने गुरुवार को कहा कि 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स से निशानेबाजी को बाहर करने के विरोध में बहिष्कार के प्रस्ताव अब भी कायम हैं, लेकिन उन्होंने संकेत दिए कि इस फैसले पर दोबारा विचार किया जा सकता है।

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अगर कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ), अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी संघ और बर्मिघम की आयोजन समिति कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले निशानेबाजी चैंपियनशिप आयोजित करवाने को तैयार हो जाती है और इसके पदक कॉमनवेल्थ गेम्स में जोड़े जाते हैं तो फिर भारत बर्मिघम में 2022 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स का बहिष्कार नहीं करेगा। वैसे आइओए के अधिकतर लोग सिर्फ निशानेबाजी के कारण अगले कॉमनवेल्थ गेम्स के बहिष्कार के पक्ष में नहीं हैं, इसलिए ये बीच का रास्ता निकाला जा रहा है।

सीजीएफ की अध्यक्ष लुइस मार्टिन और सीईओ डेविड ग्रेवेंबर्ग से बैठक के बाद बत्रा ने कहा कि गेम्स से बहिष्कार करने के जुलाई में किए गए प्रस्ताव के संबंध में निर्णय आइओए कार्यकारी समिति और आम सभा द्वारा लिया जाएगा, जिसके अगले महीने बैठक करने की उम्मीद है। मार्टिन, ग्रेवेंबर्ग और आइओए महासचिव राजीव मेहता के साथ बत्रा ने कहा कि मैंने कुछ महीने पहले बहिष्कार शब्द का इस्तेमाल किया, जो उचित नहीं था। मुझे तब कहना चाहिए था कि हम इन गेम्स से हट रहे हैं।

गुरुवार को सीजीएफ दल के साथ बैठक सफल और फलदायी रही, लेकिन 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स से हटने का प्रस्ताव अब भी कायम है। हमने यह प्रस्ताव करीब छह महीने पहले तैयार किया था। अब हम सीजीएफ अधिकारियों के साथ गुरुवार को हुई चर्चा पर विचार करेंगे। हम अपनी कार्यकारी समिति की बैठक में और फिर आम सभा की बैठकों में इस पर फैसला करेंगे। वहीं, ग्रेवेंबर्ग ने कहा कि सीजीएफ को उम्मीद है कि आइओए इस फैसले पर दोबारा विचार करेगा, लेकिन कहा कि यह भारत का विशेषाधिकार है कि वह 2022 गेम्स का बहिष्कार करे या नहीं करे। इस संकेत पर कि आइओए को बहिष्कार के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।

बत्रा ने कहा कि हमने बर्मिघम गेम्स के समय के दौरान ही 2022 में कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैंपियनशिप कराने का प्रस्ताव दिया है जिसमें हमने प्रस्ताव दिया था कि भारत को कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में निशानेबाजी में जितने पदक मिलते, उन्हें 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स की पदक तालिका में जोड़ दिया जाए। उन्होंने (सीजीएफ अधिकारियों) ने इस प्रस्ताव पर कोई आश्वासन नहीं दिया है।

हम 2026 गेम्स की मेजबानी के लिए इच्छुक

इओए के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि हम 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के इच्छुक हैं। हम पहले आइओए की आम सभा से इसको लेकर अनुमति लेनी होगी फिर इसके बाद हम सरकार से अनुरोध कर सकते हैं। यदि सरकार अनुमति देती है तब हम गेम्स की मेजबानी कर सकते हैं। 2026 गेम्स की मेजबानी के लिए अगले साल मेजबान देश की घोषणा की जाएगी। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और मलेशिया ने मेजबानी को लेकर अपनी इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन उन्होंने बाद में मना कर दिया।

रिजिजू बोले, हमने अपनी चिंता व्यक्त कर दी

उधर, खेल मंत्री किरण रिजिजू ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया और उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि निशानेबाजी कॉमनवेल्थ गेम्स में वैकल्पिक खेल है, लेकिन हमने अपनी चिंता व्यक्त कर दी है और इस मुद्दे को कॉमनवेल्थ फेडरेशन की अध्यक्ष लुइस मार्टिन ने अच्छी तरह समझ लिया है। हमारी चर्चा अच्छी रही और मैं सराहना करता हूं कि सीजीएफ ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। हमें कुछ और चर्चा करनी होगी, लेकिन मैं खुश हूं कि हमने सकारात्मक शुरुआत की है।


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