खेलों के लिए भी अच्छे दिन, खेल बजट में 200 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए खेल और युवा कायरें के मंत्रालय के लिए 2181.90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने खेलों के लिए भी खजाने का मुंह खोल दिया है। केंद्र सरकार ने आम चुनाव से पहले पेश किए अंतरिम बजट में खेल और युवा कार्य मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में करीब 200 करोड़ रुपये (10 प्रतिशत से कुछ अधिक) की बढ़ोतरी की है। इसमें खिलाडि़यों को प्रोत्साहन व पुरस्कार राशि और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए खेल और युवा कायरें के मंत्रालय के लिए 2181.90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। साल 2018-19 के लिए संशोधित अनुमान में यह राशि 1981.03 करोड़ रुपये है। खिलाडि़यों को प्रोत्साहन और पुरस्कार की राशि पिछले बजट के संशोधित अनुमान में 316.93 करोड़ और 2017-18 में 299.27 करोड़ रुपये थी जो बढ़ाकर 411 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसमें खिलाडि़यों को प्रोत्साहन राशि 63 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 89 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय खेल विकास कोष को आवंटन दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर 68 करोड़ रुपये कर दिया गया है। खेलमंत्री और ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर की पहल पर शुरू किए गए खेलो इंडिया कार्यक्रम के लिए बजट 550.69 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) से बढ़ाकर 601 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
साई को पिछले साल संशोधित बजट में 395 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जिसमें 55 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। साई को 2019-20 के बजट में 450 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। साई को 2017-18 के बजट में 495.73 करोड़ रुपये दिए गए थे जो 2018-19 के बजट में 429-56 करोड़ रुपये और संशोधित बजट में 395 करोड़ रुपये कर दिए गए हैं। हालांकि राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को दी जाने वाली सहायता राशि कमोबेश जस की तस है। पिछले बजट में एनएसएफ को 245.13 करोड़ रुपये दिए गए जिन्हें अब 245 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।