CWG 2022: बेटी ने जीता Silver Medal लेकिन मैच देखने के लिए इधर-उधर भटक रहा था बिंदियारानी का परिवार, जानिए क्या है वजह
कॅामनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टिंग के 55 किलो भारवर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत की बिंदियारानी देवी ने सिल्वर मेडल हासिल किया। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टिंग के 55 किलो भारवर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत की बिंदियारानी देवी ने सिल्वर मेडल हासिल किया।
बर्मिघम, एजेंसी। भारोत्तोलक बिंदियारानी यहां कामनवेल्थ गेम्स में महिलाओं की 55 किग्रा वर्ग की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही थीं, वहीं उनके परिवार के सदस्य एक टेलीविजन कनेक्शन पाने के लिए हाथ-पांव मार रहे थे, जिससे वे मणिपुर के इंफाल में अपने घर से उनका मैच देख सकें। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक,बिंदियारानी के परिवार में चार सदस्य हैं, जिनकी एक किराना की दुकान है। दुकान चलाने के साथ-साथ उनके पिता खेती कर परिवार की देखभाल करते हैं। बर्मिघम में बिंदियारानी के खेल को देखने के लिए परिवार को टीवी कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था, और वे दर-दर भटक रहे थे। समय पर कनेक्शन तैयार करने की जिम्मेदारी उनके बड़े भाई पर आ गई, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में है।
जानिए बिंदियारानी ने कहा क्या
हालांकि, बिंदियारानी के भाई ने किसी तरह कनेक्शन का जुगाड़ किया और सभी ने बिंदियारानी का मैच देखा। मैच के बाद बिंदियारानी ने कहा,'खेल शुरू होने से कुछ घंटे पहले मेरे भाई ने टीवी कनेक्शन लिया और मेरे परिवार और रिश्तेदारों ने मुझे पदक जीतते हुए देखा।' उन्होंने कामनवेल्थ गेम्स में अपने प्रदर्शन पर कहा, 'यहां प्रदर्शन करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। इससे मेरा मनोबल और बढ़ा है। यहां प्रदर्शन करने के बाद मेरी नजर विश्व चैंपियनशिप के लिए तैयारी करने और पदक जीतने पर है।'
बिंदियारानी देवी ने हासिल किया सिल्वर मेडल
कॅामनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टिंग के 55 किलो भारवर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत की बिंदियारानी देवी ने सिल्वर मेडल हासिल किया। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टिंग के 55 किलो भारवर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत की बिंदियारानी देवी ने सिल्वर मेडल हासिल किया। बिंदियारानी ने ने स्नैच में 86 का स्कोर किया, वहीं क्लीन एंड जर्क में 116 का स्कोर बनाया यानी कि उन्होंने कुल 202 किलो का स्कोर करते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। यह भारत का चौथा मेडल था।