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देश को मिला एक और सुपरमॉम बॉक्सर, दो बच्चों की मां रीना ने किया कमाल

अपने दमदार मुक्कों से विरोधी खिलाडि़यों को पस्त कर ढेरों मेडल जीतने वाली 29 साल की रीना शर्मा का आज हर कोई मुरीद है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 09:01 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 09:01 PM (IST)
देश को मिला एक और सुपरमॉम बॉक्सर, दो बच्चों की मां रीना ने किया कमाल
देश को मिला एक और सुपरमॉम बॉक्सर, दो बच्चों की मां रीना ने किया कमाल

डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। बॉक्सिंग में जबरदस्त प्रदर्शन को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने रीना को हाल ही में प्रमोशन देकर हेड कांस्टेबल बनाया है। दो बच्चों की मां रीना मुक्केबाजी में अब तक विभिन्न प्रतियोगिताओं के 25 पदक जीत चुकी हैं। इससे पहले भारत की विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरीकॉम, जिन्हें 'सुपर मॉम' का तमगा मिला, दोहरी जिम्मेदारियों के कुशलतापूर्वक निर्वहन के लिए सराही जाती रही हैं।

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अपने दमदार मुक्कों से विरोधी खिलाडि़यों को पस्त कर ढेरों मेडल जीतने वाली 29 साल की रीना शर्मा का आज हर कोई मुरीद है। कहती हैं, जिंदगी में लक्ष्य को पाने की हसरतें बुलंद हों तो मुश्किल हालात भी कोई मायने नहीं रखते। अब वक्त बदल रहा है। बेटियां अब आसमां छू रही हैं। मैंने भी दो बेटियां होने के बाद कई मेडल जीते हैं। बेटियां मेरी ताकत हैं। छह बार की व‌र्ल्ड चैंपियन बॉक्सर एमसी मैरीकॉम हमारे सामने जीता जागता उदाहरण हैं..।

हरियाणा के एक छोटे से गांव में जन्मी रीना की जिंदगी का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और मंजिल की ओर बढ़ती जा रही हैं। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में रीना ने संघर्ष के दिनों से अब तक बॉक्सिंग से जुड़े अनुभवों को साझा किया।

झज्जर जिले के बापड़ौदा गांव में जन्मी रीना बताती हैं, हम चार बहनें और एक भाई है। परिवार के आर्थिक हालात भी अच्छे नहीं रहे। पिता जयकवार शर्मा ने डीटीसी में ड्राइवर की नौकरी करते हुए मुझे बॉक्सर बनाने के सपने को पूरा किया। उन दिनों में लड़कियां बॉक्सिंग में न के बराबर होती थीं, खासकर हरियाणा में, लेकिन स्कूल पिं्रसिपल ब्रह्मप्रकाश ने मेरी प्रतिभा को परखते हुए जिला स्तर की प्रतियोगिता में भेजा। पहले ही टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीत लिया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा..। रीना ने अभी तक विभिन्न टूर्नामेंट में 25 से अधिक मेडल जीते हैं जिनमें 15 गोल्ड मेडल हैं। अगला टारगेट साउथ एशियन चैंपियनशिप में जीत हासिल कर व‌र्ल्ड पुलिस गेम्स का टिकट पक्का करना है।

पति मोहन शर्मा भी पुलिस विभाग में पदस्थ हैं। बकौल रीना, पति ने हर मुश्किल में साथ दिया और हौसला बढ़ाया। उनके समर्थन और सहयोग से ही हर मुकाबला जीत रही हूं। रीना 2011 में चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई और इतने साल में खेल कोटे से बॉक्सिंग में प्रमोशन पाने वाली पहली महिला हैं। शाकाहारी भोजन करती हैं और कड़ी प्रेक्टिस के दम पर जीत हासिल करती रही हैं।

दोनों बेटियों को मानती हैं अपनी ताकत..

रीना की दो बेटियां, छह साल की तनवी और आठ महीने की यशवी हैं। रीना कहती हैं कि जब मैरीकॉम मां बनने के बाद भी व‌र्ल्ड चैंपियन बन सकती हैं तो कोई भी ऐसा कर सकती है। दरअसल, मेरी दोनों बेटियां ही मेरी ताकत हैं, जो मुझे लड़ने और जीतने की प्रेरणा देती हैं। पति भी प्रोत्साहित करते हैं।


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