CWG 2022: भारत को गोल्ड दिलाने के लिए युवा ने करियर लगाया दांव पर, कोच ने भी दिया बढ़ावा
शनिवार को युवा संकेत ने वेटलिफ्टिंग में स्नैच और क्लीन एंड जर्क में कुल मिलाकर 248kg का वजन उठाते हुए सिल्वर मेडल जीता। वैसे इस शानदार कामयाबी को हासिल करने के लिए उनको बेहद दर्द भरे रास्ते से गुजरना पड़ा।
नई दिल्ली, आनलाइ डेस्क। भारतीय टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन अपने पदक का खाता खोला। उम्मीद के मुताबिक ही देश के लिए वेटलिफ्टिंग में एक मेडल आया। शनिवार को युवा संकेत ने वेटलिफ्टिंग में स्नैच और क्लीन एंड जर्क में कुल मिलाकर 248kg का वजन उठाते हुए सिल्वर मेडल जीता। वैसे इस शानदार कामयाबी को हासिल करने के लिए उनको बेहद दर्द भरे रास्ते से गुजरना पड़ा।
21 साल के संकेत महादेव सरगर ने शनिवार को 55kg भारवर्ग की प्रतियोगिता में भारत को गेल्ड दिलाने के लिए अपने करियर को लेकर एक बड़ा फैसला लिया। जोशिशे भारतीय वेटलिफ्टर ने अपने देश के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स डेब्यू पर सिल्वर मेडल हासिल किया लेकिन उनका लक्ष्य गोल्ड हासिल करना था। गोल्ड को पाने के लिए इस युवा ने अपने भविष्य तक की परवाह ना करते हुए बेहद भावुक कदम उठाया।
करियर को भी लगा दिया दांव पर
संकेत ने स्नैच में 113kg का अधिकतम भार उठाते हुए पहला स्थान हासिल किया। यहां वह पहले स्थान पर रहे और क्लीन एंड जर्क में उनकी नजर इसी प्रदर्शन को जारी रखने की थी। पहले प्रयास में 135kg का भार उठाते हुए गोल्ड की तरफ अपने कदम बढ़ाए। दूसरे प्रयास में वह 138kg भार उठाते हुए चोटिल हो गए। उनकी कोहनी मुड़ गई जिसके बाद वह तकलीफ में नजर आए।
संकेत का जोशीला फैसला, कोच ने दिया बढ़ावा
क्लीन एंड जर्क के दूसरे प्रयास में संकेत को गंभीर चोट लगी थी लेकिन वह इसको गोल्ड हासिल करने की कोशिश के आड़े नहीं आने देना चाहते थे। चोट लगने के बाद जूरी की तरफ से सदस्य ने आकर संकेत के कोहनी को छूकर देखा और उनको आगे ना खेलने को कहा, जूरी के सदस्य ने चोट की जगह पर कोच विजय शर्मा का हाथ लगाकर भी दिखाया। संकेत ने इसके बाद भी वजन उठाने की जिद की कोच ने भी उनको स्प्रे करके जाने दिया।
बुरी तरह से चोटिल हुए संकेत
संकेत ने 138kg का भार उठाने की खतरनाक कोशिश की वो भी तब जब उनकी कोहनी बुरी तरह से चोटिल थी। इस प्रयास का नतीजा यह हुआ कि उन्होंने वजह तो उठा लिया लेकिन जर्क के दौरान उनकी चोट और ज्यादा बढ़ गई। वह जमीन पर लेते नजर आए और उनका दर्द देखकर ही समझ आ रहा था। मेडल लेने के लिए वह हाथ पर पट्टी लगाए आर्म स्लिंग बांधे दिखे।