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निशानेबाज चिंकी यादव की निगाहें ओलंपिक मेडल पर, अब तक कोरोना वायरस से लग रहा था डर

निशानेबाज Chinki Yadav की निगाहें टोक्यो में अगले साल होने वाले ओलंपिक गेम्स में पदक जीतने पर हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 08:44 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 08:44 AM (IST)
निशानेबाज चिंकी यादव की निगाहें ओलंपिक मेडल पर, अब तक कोरोना वायरस से लग रहा था डर
निशानेबाज चिंकी यादव की निगाहें ओलंपिक मेडल पर, अब तक कोरोना वायरस से लग रहा था डर

नई दिल्ली, जेएनएन। कभी एक कमरे के मकान में रहने वाली भारतीय निशानेबाज चिंकी यादव ने सोचा नहीं था पिस्टल शूटर बनेंगी। मध्य प्रदेश के भोपाल की निशानेबाज ने देश के लिए 25 मीटर पिस्टल वर्ग में ओलंपिक कोटा भी हासिल किया। हालांकि कोरोना वायरस से टोक्यो ओलंपिक एक साल के लिए स्थगित हो गए हैं, लेकिन चिंकी की निगाहें ओलंपिक पदक पर जम गई हैं। ओलंपिक की तैयारियों को लेकर चिंकी से कपीश दुबे ने खास बातचीत की :

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- आपका सफर मुश्किलों भरा रहा है। कैसा लगता है जब पीछे मुड़कर देखती हैं?

- संघर्ष से मिली सफलता ज्यादा मीठी होती है। हम एक कमरे के मकान में रहते थे। हालांकि अब भी मकान बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन हालात सुधर चुके हैं। जब निशानेबाजी शुरू की थी तो इतने पैसे नहीं होते थे कि बंदूक की गोलियां खरीद सकूं। तब पिस्टल खरीदने की तो सोच भी नहीं सकती थी। अब मेरी खुद की पिस्टल है। अब प्रायोजक मिले हैं और देश के लिए ज्यादा से ज्यादा पदक जीतना चाहती हूं।

- आपने ओलंपिक कोटा हासिल किया, लेकिन क्या टीम में भी चुने जाने की उम्मीद है?

- मेरा ध्यान अपनी मेहनत पर होता है। मैंने 2019 एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप में जब देश के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया था तब भी अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन का प्रयास कर रही थी। मैं चयन के बारे में नहीं सोचती हूं। ओलंपिक आगे बढ़ गए हैं तो अब टीम की चयन प्रक्रिया अगले साल होगी। इससे मुझे खुद को बेहतर बनाने का ज्यादा समय मिलेगा।

- कोरोना वायरस के डर से कई खिलाड़ी टोक्यो जाने में डर रहे थे। अब खेल स्थगित होने से क्या आपको भी राहत मिली?

- कोरोना का डर तो था। इस महामारी से पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है। यदि टोक्यो ओलंपिक अभी होते तो सभी के दिमाग में कोरोना का डर बना रहता। इससे खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाते। अब खेल स्थगित होने से सभी ने राहत की सांस ली होगी।

- जीवन में पहली सफलता हमेशा खास होती है। क्या वह पल याद हैं?

- मैंने 2015 में हनोवर में ओपन इंटरनेशल स्पर्धा में 25 मीटर पिस्टल में स्वर्ण जीता था। अभी भी याद है कि मैं बहुत ज्यादा तनाव में थी और पदक जीतने में सफल हुई थी।

चिंकी की अंतरराष्ट्रीय सफलताएं

- स्वर्ण : व्यक्तिगत और टीम वर्ग में 13वीं एशियाई चैंपियनशिप (कुवैत, 2015)

- स्वर्ण : अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी चैंपियनशिप (जर्मनी, 2015)

- स्वर्ण (टीम) : आइएसएसएफ जूनियर विश्व कप (अजरबैजान, 2016)

-रजत (टीम): 25वीं मीटिंग ऑफ शूटिंग होप्स (चेक गणराज्य, 2015)

-रजत (टीम) : 26वीं मीटिंग ऑफ शूटिंग होप्स (चेक गणराज्य, 2016)

-कांस्य (टीम) : आइएसएसएफ जूनियर कप (जर्मनी, 2015)

-कांस्य (टीम) : आइएसएसएफ जूनियर कप (जर्मनी, 2016)

-कांस्य (टीम) : आइएसएसएफ जूनियर विश्व चैंपियनशिप (जर्मनी, 2017)


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