मुक्केबाजी में बीएफआइ कर सकता है बड़े बदलाव, टोक्यो ओलिंपिक में खराब प्रदर्शन के बाद किया गया फैसला
जुलाई-अगस्त में हुए खेलों में भारत ने पांच पुरुष और चार महिला मुक्केबाजों के रूप में मुक्केबाजी में अपना अब तक का सबसे बड़ा दल उतारा था लेकिन इनमें से सिर्फ लवलीना बोरगोहाई ही कांस्य पदक के साथ पोडियम पर जगह बनाने में सफल रहीं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। विश्व चैंपियनशिप के बाद अगले तीन महीने में भारतीय मुक्केबाजी के कोचिंग स्टाफ में पूरी तरह से बदलाव किया जा सकता है। राष्ट्रीय महासंघ के सूत्र ने यह जानकारी देते हुए रहस्योद्घाटन किया कि टोक्यो ओलिंपिक में मुक्केबाजों के प्रदर्शन से अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं।
सूत्रों से पता चला है कि दो उच्च प्रदर्शन निदेशक सेंटियागो नीवा (पुरुषों के) और राफेल बर्गामस्को (महिलाओं के) के अलावा राष्ट्रीय मुख्य कोच सीए कटप्पा (पुरुष) और मुहम्मद अली कमर (महिला) इस समय गहन समीक्षा के दायरे में हैं। जुलाई-अगस्त में हुए खेलों में भारत ने पांच पुरुष और चार महिला मुक्केबाजों के रूप में मुक्केबाजी में अपना अब तक का सबसे बड़ा दल उतारा था, लेकिन इनमें से सिर्फ लवलीना बोरगोहाई ही कांस्य पदक के साथ पोडियम पर जगह बनाने में सफल रहीं।
यह नौ साल में ओलिंपिक में मुक्केबाजी का पहला पदक था, लेकिन खेलों के महाकुंभ से पहले मुक्केबाजों के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उनसे अधिक पदक की उम्मीद थी। एक सूत्र ने कहा, 'ओलिंपिक में प्रदर्शन से (महासंघ में) कोई भी खुश नहीं है। इसलिए जैसा हमने वादा किया था, समीक्षा चल रही है और यह लंबी प्रक्रिया है जिसमें कुछ महीने लगेंगे। दो विश्व चैंपियनशिप तक कोई बदलाव नहीं होगा। क्या पता इसके बाद संपूर्ण बदलाव हो, लेकिन हमें दो से तीन महीने तक इंतजार करना होगा।' पुरुष विश्व चैंपियनशिप का आयोजन सíबया में 26 अक्टूबर से किया जाएगा जबकि महिला टूर्नामेंट दिसंबर में होगा।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआइ) ने नीवा और बर्गामस्को के कार्यकाल में तीन महीने का विस्तार किया है जिससे कि दो बड़ी प्रतियोगिताओं में निरंतरता बनी रहे। इन प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय चैंपियन देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। इन दोनों के अनुबंध टोक्यो ओलिंपिक के बाद समाप्त होने थे। पुरुष राष्ट्रीय चैंपियनशिप कर्नाटक के बेल्लारी में बुधवार से शुरू होगी जबकि महिला चैंपियनशिप अक्टूबर के मध्य में होगी।