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अर्जुन पुरस्कार के लिए अनदेखी किए जाने से नाराज हुए बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय

एचएस प्रणय ने आरोप लगाए कि उनसे कम उपलब्धियों वाले खिलाड़ियों का नाम पुरस्कार के लिए भेजा गया।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 04:58 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 04:58 PM (IST)
अर्जुन पुरस्कार के लिए अनदेखी किए जाने से नाराज हुए बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय
अर्जुन पुरस्कार के लिए अनदेखी किए जाने से नाराज हुए बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय लगातार दूसरे साल अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित नहीं किए जाने से गुस्से में हैं और उन्होंने कहा कि भारतीय बैडमिंटन महासंघ (बाई) ने उनसे कम उपलब्धि वाले खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की है। बाई ने मंगलवार को सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की शीर्ष डबल्स जोड़ी तथा पुरुष सिंगल्स खिलाड़ी समीर वर्मा ने नाम की सिफारिश इस पुरस्कार के लिए की थी। प्रणय ने अपनी नाराजगी ट्विटर पर व्यक्त की।

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उन्होंने लिखा, 'अर्जुन पुरस्कार के लिए वही पुरानी चीज। कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले खिलाड़ी के नाम की सिफारिश महासंघ द्वारा नहीं की गई जबकि जो खिलाड़ी इन दोनों प्रतियोगिताओं में नहीं था, उसकी नाम की अनुशंसा की गई है। वाह।' इन तीन नामांकन में से इस जोड़ी ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीता था लेकिन समीर कभी भी इसमें नहीं खेले हैं।

प्रणय का पिछले साल का प्रदर्शन हालांकि इतना शानदार नहीं रहा, लेकिन वह 2018 में शानदार फॉर्म में थे। 25 साल के इस खिलाड़ी ने 2018 में तीन खिताब अपने नाम किए थे और अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग (11) हासिल की थी। इस शानदार प्रदर्शन के बूते वह बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स 2018 में भी जगह बनाने में सफल रहे और सेमीफाइनल तक पहुंचे थे।

बाई ने कहा कि उसने, खेल मंत्रालय को नामों की सिफारिश करने से पहले पिछले चार वर्षो में खिलाडि़यों और कोचों के प्रदर्शन का अच्छी तरह आकलन किया था। पिछले चार वर्षो में प्रणय ने 2018 में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें वह उस भारतीय मिक्स्ड टीम का हिस्सा थे जिसने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। प्रणय को कॉमनवेल्थ गेम्स के पूर्व चैंपियन पी कश्यप से भी सहयोग मिला। कश्यप ने ट्वीट किया, 'पुरस्कार के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया कभी समझ नहीं आई। मैं उम्मीद करता हूं कि यह बदले। मजबूत बने रहो।'


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