एशियन गेम्स के बाद अरपिंदर को विश्व चैंपिनयशिप व ओलंपिक में मेडल की उम्मीद
अरपिंदर सिंह ने ट्रिपल जंप में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया।
एशियन गेम्स में ट्रिपल जंप में स्वर्ण पदक जीतकर अरपिंदर सिंह सुर्खियों में आ गए। अरपिंदर की इस कामयाबी के पीछे उनकी कड़ी मेहनत शामिल है। पंजाब से कोसों दूर केरल में रहकर उन्होंने दिन-रात इस पदक को पाने के लिए मेहनत की। अरपिंदर सिंह से निखिल शर्मा ने खास बातचीत की। पेश है मुख्य अंश :
- भारत एथलेटिक्स में काफी पीछे था। इस बार हमने अच्छा प्रदर्शन किया। आप इसके पीछे क्या मुख्य वजह मानते हैं?
- हर किसी ने अपने स्तर पर अच्छी ट्रेनिंग की थी। मैं ही पिछले छह महीने से घर-परिवार से दूर रहकर केरल में ट्रेनिंग कर रहा था। अगर आपको कुछ पाना है तो उसके लिए कुछ खोना पड़ता है। साथ ही केरल में मुझे पंजाबी खाने की भी कमी खली। हालांकि, हम सभी ने बेहद ही कड़ी मेहनत की थी और अब नतीजा सबके सामने है।
- अब आगे विश्व चैंपियनशिप है, ऐसे में क्या आप केरल में ट्रेनिंग कर पाएंगे? वहां बाढ़ की वजह से हालात खराब हैं?
- केरल में बाढ़ आई है, लेकिन तिरुअनंतपुरम में इसका असर नहीं दिखा। जहां मैं ट्रेनिंग ले रहा हूं वह इंस्टीटयूट बेहद अच्छा है। वहां का माहौल भी बहुत अच्छा है। उम्मीद है विश्व चैंपियनशिप में भी निराश नहीं करूंगा।
- आपने एशियन गेम्स की किस तरह से तैयारी की थी?
- इस सत्र में मैंने बहुत कड़ी ट्रेनिंग की। तीन घंटे सुबह और तीन घंटे शाम को। ज्यादा नहीं खाया, ताकि वजन नहीं बढ़ जाए। यह भी ध्यान रखा कि किस समय सोना है और किस समय अभ्यास करना है।
- ट्रिपल जंप में अधिक मेहनत करनी होती है। आपने जब पहला ही जंप फाउल किया तो आपके मन में क्या चल रहा था?
- मेरा पहला जंप फाउल हो जाने की वजह से मेरे ऊपर दूसरे जंप में दबाव था। मैंने फिर भी 16.58 मीटर की छलांग लगाई। इसके बाद तीसरे जंप में मैंने 16.77 मीटर की छलांग लगाई, जिससे मुझे स्वर्ण पदक मिला। वहां का मौसम अच्छा नहीं था। इसकी वजह से मेरे शरीर के कई हिस्सों में ऐंठन आ गई। इसी वजह से मेरे अगले तीन जंप ज्यादा अच्छे नहीं रहे थे।
- एशियन गेम्स में स्वर्ण तो जीत लिया है। अब आगे विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक हैं, क्या सोचा है?
- मेरा सर्वश्रेष्ठ जंप 17.17 मीटर है, जो मैंने 2014 में लखनऊ में बनाया था। मुझे लगता है कि यह एक विश्व स्तर का रिकॉर्ड है। अगर मैं इससे आगे निकला तो जरूर विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक में पदक जीत सकता हूं।
- एशियन गेम्स में एथलीट हर दिन पदक जीत रहे थे। ऐसे में टीम में कैसा माहौल था?
- सभी लोग पदक जीत रहे थे। लोगों ने बोला अब आपका नंबर है। हर कोई एक-दूसरे को स्पर्धा से पहले प्रोत्साहित कर रहा था। ट्रेनिंग के बाद अच्छा लगा। मानसिक प्रोत्साहन मिला। कुल मिलाकर माहौल अच्छा रहा और हम यहां कामयाब रहे।