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नाकामी से बेहतर प्रदर्शन को प्रेरित मुक्केबाज

लंदन ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाने से भारतीय मुक्केबाजों का मनोबल गिरा नहीं है, बल्कि वे अपने प्रदर्शन में सुधार को लालायित हैं। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने मंगलवार को स्वदेश लौटने के बाद यह बात कही।

By Edited By: Published: Wed, 15 Aug 2012 01:16 PM (IST)Updated: Wed, 15 Aug 2012 02:04 PM (IST)
नाकामी से बेहतर प्रदर्शन को प्रेरित मुक्केबाज

नई दिल्ली। लंदन ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाने से भारतीय मुक्केबाजों का मनोबल गिरा नहीं है, बल्कि वे अपने प्रदर्शन में सुधार को लालायित हैं। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने मंगलवार को स्वदेश लौटने के बाद यह बात कही।

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भारत के सात पुरुष मुक्केबाज एल देवेंद्रो सिंह (49 किलो), शिव थापा (56 किलो), जय भगवान (60 किलो), मनोज कुमार (64 किलो), विकास कृष्णन (69 किलो), विजेंद्र कुमार (75 किलो) व सुमित सागवान (81 किलो) ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं जा सके।

संधू ने कहा कि इस नाकामी ने उनकी सफलता की भूख और बढ़ा दी है। उन्होंने कहा, 'इस झटके ने उन्हें प्रेरित किया है। वे अब खुद को साबित करना चाहते हैं और उन्होंने अभ्यास शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे दिन हवा हुए जब हारने से लड़कों का मनोबल गिर जाता था। अब वे अधिक बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित होते हैं।' भले ही उन्हें पदक नहीं मिल सका हो, लेकिन संधू भारतीय मुक्केबाजों के प्रदर्शन से खुश हैं।

उन्होंने कहा कि हम बीजिंग ओलंपिक की सफलता को दोहराना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जहा तक प्रदर्शन की बात है तो मेरे लड़के अच्छा खेले।

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