ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनी अधूरी सड़क
बिसरा प्रखंड अंतर्गत डराईकेला चौक से सारुबाहाल चौक तक बन रही सड़क इन दिनों ग्रामीणों के लिए किसी मुसीबत बन गयी है। ठेका संस्था के द्वारा जियोक्रीट व सीमेंट का मिश्रण कर सड़क पर डालने के बाद चार महीने से काम रोक कर रखा गया है। इस सड़क पर वाहनों के चलने से धूल उड़ रही है एवं आगे पीछे चलने वाले वाहन चालकों को सड़क नजर नहीं आती है। धूल उड़ने से कपड़े गंदे हो रहे हैं एवं दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है।
संवाद सूत्र, बिसरा : बिसरा प्रखंड अंतर्गत डराईकेला चौक से सारुबाहाल चौक तक बन रही सड़क इन दिनों ग्रामीणों के लिए किसी मुसीबत बन गयी है। ठेका संस्था के द्वारा जियोक्रीट व सीमेंट का मिश्रण कर सड़क पर डालने के बाद चार महीने से काम रोक कर रखा गया है। इस सड़क पर वाहनों के चलने से धूल उड़ रही है एवं आगे पीछे चलने वाले वाहन चालकों को सड़क नजर नहीं आती है। धूल उड़ने से कपड़े गंदे हो रहे हैं एवं दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है।
करीब चार महीने पहले रमेश चंद्र जेना ठेका कंपनी द्वारा दो करोड़ रुपये की लागत से करीब दो किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया। निर्माण करने के दौरान बीच के कुछ हिस्से में करीब आधे किलोमीटर तक सड़क को खोद कर छोड़ दिया गया है। अब सड़क से उठने वाली धूल से गांव के लोगों में बीमारी फैल रही है। सबसे अधिक समस्या विद्यार्थियों व महिलाओं के लिए हो रही है। धूल उड़ने के कारण गांव के लोगों का घरों से बाहर बैठना भी मुश्किल हो रहा है। धूल की वजह से घर के बाहर कपड़े भी नही सूखा पा रहे है। हालत ऐसी है कि मार्ग से वाहनों के गुजरने पर लोग अपने घरों की खिड़की तक बंद करने को विवश हैं। मार्ग में चलने वाले लोग चेहरे पर कपड़े बांध कर ही आ जा रहे हैं।
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चार महीने से सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। काम अब तक खत्म हो जाता पर धीमी गति से काम चलने के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उड़ता धूल यहां की मुख्य समस्या है।
- मो. महफूज, ऑटो चालक।
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जब हम बस लेकर इस सड़क से गुजरते है तब बस के यात्री धूल से परेशान होकर बस के खिड़की बंद कर लेते है। धूल के साथ सड़क पर बने गड्ढों के कारण भी परेशानी हो रही है। शीघ्र काम पूरा होना चाहिए।
-नरेश गौड़, बस चालक
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सड़क को खोद कर छोड़ देने के कारण घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। दिन रात वाहनों के चलने से धूल उड़ रहा है। धूल भरे हवा में दिन रात बिताने वालों को सांस संबंधित तरह-तरह की बीमारी हो रही है।
- सोमनाथ राहा, स्थानीय ग्रामीण।