एंकर--- लौट गया लाभुकों का तीन हजार क्विंटल गेहूं
जासं राउरकेला जिला आपूर्ति विभाग में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। वितरण प्रणाली से लेकर ठेका संस्था के प्रति सहानुभूति व जाली कार्डो पर पीडीएस वस्तुओं का उठाव सभी में भ्रष्टाचार की गंध आ रही है।
जासं, राउरकेला : जिला आपूर्ति विभाग में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। वितरण प्रणाली से लेकर ठेका संस्था के प्रति सहानुभूति व जाली कार्डो पर पीडीएस वस्तुओं का उठाव सभी में भ्रष्टाचार की गंध आ रही है। अब आपूर्ति विभाग और आपूर्तिकर्ता ठेकेदारों का एक और भ्रष्टाचार सामने आया है। एल-1 ठेकेदार की गलती के कारण जिले में दो माह (जुलाई व अगस्त) का करीब तीन हजार क्विंटल गेहूं एफसीआइ से उठाया नहीं जा सका। इनमें राउरकेला का 300 क्विंटल, लहुनीपाड़ा ब्लॉक का 62 क्विंटल और कोइड़ा, बनईगढ़ और सुंदरगढ़ सहित कुछ अन्य प्रखंडों का सैकड़ों क्विंटल गेहूं शामिल है। ठेका लेकर काम नहीं करने वाली संस्था के मनमर्जी रवैये के कारण करीब 60,000 लाभुक 2 माह का गेंहू पाने से वंचित रह गए। इनमें से 6,000 लाभुक राउरकेला से और 1,240 लहुनीपाड़ा से हैं। लेकिन गलती करने वाले ठेकेदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शून्य है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों का इस ओर ध्यान आकर्षित किया है। आपूर्ति विभाग ने पहले ही एल1-1 ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है। हैरानी की बात है कि अब तक कोई कार्रवाई ठेकेदार पर नहीं की गई है।
आपूर्तिकर्ता एल-1 ठेकेदार ने एफसीआई से राउरकेला आरआरसी (राइस रिसिविग केंद्र) सहित विभिन्न ब्लॉकों को पीडीएस सामग्री की आपूर्ति के लिए निविदा डाला तथा यह मिल भी गया। अधिक कमाई की उम्मीद में ठेकेदार ने आपूर्ति विभाग से सांठगांठ कर उठाव राउरकेला एफसीआइ के बदले झारसुगुड़ा एफसीआइ करवा लिया था। ठेका संस्था की बात सुनकर आपूर्ति विभाग के अधिकारी ने राउरकेला एफसीआइ का गेंहू ठीक नहीं होने की बात दर्शाकर उठाव केंद्र झारसुगुड़ा करने की सिफारिश की थी। एल-1 ठेकेदार झारसुगुड़ा से गेंहू उठाकर राउरकेला आरआरसी, प्रखंड व पंचायत कार्यालयों में गेहूं की आपूर्ति कर रहा था। समय पर गेहूं उठाव में विफल रहने के कारण झारसुगुड़ा एफसीआई प्रबंधक ने जुलाई और अगस्त दो माह का कोटा रद कर दिया। जिसके बाद जिला आपूर्ति अधिकारी ने रद्द किए गए कोटा को फिर से बहाल करने के लिए एफसीसीआई प्रबंधक को पत्र लिखा है। लेकिन गेहूं मिलेगा या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। पता चला है कि बिना वितरण के वापस गेंहू वापस करने के कारण एफसीआई ने जिले के मासिक गेहूं के कोटा में 20 प्रतिशत की कमी की है। अगर इसमें सच्चाई है तो यह जिले के कारण परेशानी का सबब होगा।
सुंदरगढ़ जिले का आपूर्ति विभाग भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहा है। मीडिया में इतने भ्रष्टाचार उजागर हो रहे है मानो विभाग का कोई अंग इससे मुक्त नहीं है। आपूर्ति श्रृंखला के कुछ अधिकारियों के खिलाफ नियमित शिकायतें मिली हैं, और यहां तक कि स्थानीय ठेकेदार भी नीति नियम की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहे है।