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ठेकेदार ने जलाई बिजली, सरकार भरेगी बिल

ठेकेदार बिजली का इस्तेमाल किया और सरकार बिल भरेगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 11:00 PM (IST)
ठेकेदार ने जलाई बिजली, सरकार भरेगी बिल
ठेकेदार ने जलाई बिजली, सरकार भरेगी बिल

ठेकेदार ने जलाई बिजली, सरकार भरेगी बिल

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जासं, राउरकेला : सुंदगढ़ जिले में अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया। जिनके निजी भवन वहां भी विद्युतीकरण का कार्य हुआ है। अब इनका बिजली बिल सरकार भरेगी। लेकिन इनमें से अधिकांश आंगनबाड़ी ऐसे है, जहां आज से पहले बिजली का उपयोग नहीं किया गया है। लेकिन इसके बावजूद आंगनबाड़ियों को बिजली विभाग ने बिजली इस्तेमाल किए जाने का बिल भेजा है। कुतरा प्रखंड के अधीन आने वाले गम्हारडीह आंगनबाड़ी केंद्र में अप्रैल माह का 2025 रुपये का बिजली बिल आया है। इसी तरह टांगरपाली प्रखंड अधीन आने वाले नदीसुगुड़ा आंगनबाड़ी केंद्र में भी बिजली का इस्तेमाल नहीं होने के बावजूद 403 रुपये का बिल आया है। इसी तरह उक्त प्रखंड के मुक्तिढ़ीपा आंगनबाड़ी केंद्र, लेफ्रिपड़ा प्रखंड के सुआरीजोर किसानपड़ा आंगनबाड़ी केंद्र, डुमाबाहाल सुंठीपतरा आंगनबाड़ी केंद्र, सिपोकछार आंगनबाड़ी केंद्र में तीन से चार सौ रुपये का बिजली बिल आया हुआ है। इसी तरह बिजली खर्च करने से पहले और भी कई आंगनबाड़ी केंद्र में बिजली बिल आया हुआ है। इसके अलावा कुतरा प्रखंड के आमडपड़ा आंगनबाड़ी केंद्र में गत नौ अप्रैल के दिन बिजली का संयोग किया गया था। 10 व 11 अप्रैल को आंगनबाड़ी केंद्र में दो घंटे कर एक पंखा चलाया गया था। लेकिन इसके बावजूद 260 रुपये का बिल आया हुआ है। बाला माडल में नवीकरण किए गए आंगनबा़ड़ी केंद्रों में हजारों रुपये बिल आने के पीछे संबंधित ठेकेदारों को दोषी बताया जा रहा है। जिले में 3010 मुख्य व 799 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। यानी जिले में कुल 3809 आंगनबाड़ी केंद्र है। जिसमें से 2530 आंगनबाड़ी का निजी भवन है। उक्त केंद्रों को लगभग दस लाख रुपये की लागत से बाला मॉडल में परिणत किया गया है। इसके तहत पुराने दरवाजे, खिड़कियों को हटाकर नया लगाया गया है। फ्लोरिंग को हटाकर टाइल्स लगाया गया है। विद्युतीकरण के लिए वायरिंग की गई है। किचन में पानी आपूर्ति के लिए पाइप की वायरिंग आदि का काम किया गया है। इन कामों को करने के लिए ठेकेदार विभिन्न मशीनों को चलाने के लिए बिजली का इस्तेमाल किया था। जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्र में ज्यादा बिजली बिल आया है। दूसरी ओर बाला मॉडल का काम नहीं होने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली खर्च करने से बिल आया गया है। इसका कोई जबाव किसी के पास नहीं है। बिजली बिल की यह राशि सरकार के खाते से दिया जाना है, इस कारण इसमें घोटाले की बू आ रही है।


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