नाटक महोत्सवनाटक में पहली रात दो नाटकों का हुआ मंचन
संस ब्रजराजनगर राज्य सरकार के ओडिया भाषा साहित्य व संस्कृति विभाग के तत्वावधान में ओडिश्
संस, ब्रजराजनगर : राज्य सरकार के ओडिया भाषा, साहित्य व संस्कृति विभाग के तत्वावधान में ओडिशा संगीत नाटक अकादमी द्वारा झारसुगुड़ा जिला संस्कृति परिषद तथा बेलपहाड़ के मिरर थिएटर के सहयोग से बेलपहाड़ के जुबिली हाल में दो दिवसीय राज्य स्तरीय शिशु नाटक महोत्सव का शुभारंभ सोमवार शाम को हुआ। इस अवसर पर अटल चौक से एक शोभयात्रा निकाली गई जिसमें राष्ट्रीय युवा प्रकल्प, गोमाडेरा की प्रयास स्वयंसेवी संस्था, मां समलेश्वरी कला परिषद तथा टाइगर क्लब इत्यादि संस्थाओं के सदस्यों ने शोभायात्रा में शामिल शिशु कलाकारों की जल सेवा कर उन्हें उत्साहित किया। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि का दायित्व बरगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुरेश पुजारी ने निभाया। टीआरएल क्रोसाकि के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. तारापद दास तथा ओडिशा संगीत नाटक अकादमी के सदस्य सत्यरंजन बोहिदार ने सम्मानित अतिथि का दायित्व निभाया। ओडिशा संगीत नाटक अकादमी के सचिव प्रबोध रथ की अध्यक्षता में आयोजित समारोह का संचालन शुभंकिता रथ ने किया। इस अवसर पर पहला नाटक बेलपहाड़ के मिरर थिएटर के कलाकारों द्वारा 'झांये रे' का मंचन किया गया। नाट्यकार तथा निर्देशक सुभाष प्रधान ने इस नाटक के माध्यम से स्वतंत्रता का सही अर्थ तलाशने की कोशिश की है। कितने कष्ट एवं पूर्वजों के बलिदान के बाद हमें पराधीनता से मुक्ति मिलने तथा स्वयं का शासन स्थापित करने का सौभाग्य मिलने की बात अत्यंत ही सुंदर ढंग से नाटक में दर्शाया गया है । इस नाटक में विनय प्रधान, भावेश प्रधान तथा रोहन सिंहदेव इत्यादि का अभिनय दर्शकों के मन को छूने में सफल रहा। इसी प्रकार भुवनेश्वर की संस्था रंगलोक के कलाकरों द्वारा रात का दूसरा नाटक 'मुंडपोता केला कहुची गप' का सफल मंचन किया गया। दुर्योधन साहू द्वारा रचित एवं निर्देशित इस नाटक में हमारी पुरानी परंपरा एवं लोकनृत्यों का सदुपयोग हर युग में समान भाव में होने का भाव दर्शाया गया है। नाटक के मुख्य चरित्र मुंडपोता केला द्वारा बंदर-मगरमच्छ, गणेश कार्तिक, चिटफंड ठगी इत्यादि को कहानियों के माध्यम से बताकर लोगों को सचेत करने का प्रयास किया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद सुरेश पुजारी ने कहा कि जिस तरह कंप्यूटर वायरस को ठीक करने के लिए एंटी वायरस की आवश्यकता होती है उसी प्रकार मानव मस्तिष्क को ठीक रखने के लिए नाटक की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार एकडेमी सचिव प्रबोध रथ ने कहा कि बेलपहाड़ में सिर्फ शिशु नाटक ही नहीं वरन राज्य स्तरीय नाटक महोत्सव का भी आयोजन हो सकता है एवं इस बाबत उनके द्वारा आवश्यक प्रयास किए जाने की जानकारी उन्होंने दी ।