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अंतरराष्ट्रीय बालुका उत्सव में छाए राजगांगपुर के राजू साहू

ओडिशा के पुरी जिला के के चंद्रभागा बीच में एक दिसंबर से शुरू अंतराराष्ट्रीय बालुका कला उत्सव में एक से बढ़कर एक बालुका कलाकार हिस्सा ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 06:20 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 06:20 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय बालुका उत्सव में छाए राजगांगपुर के राजू साहू
अंतरराष्ट्रीय बालुका उत्सव में छाए राजगांगपुर के राजू साहू

संवाद सूत्र, राजगांगपुर : ओडिशा के पुरी जिला के के चंद्रभागा बीच में एक दिसंबर से शुरू अंतराराष्ट्रीय बालुका कला उत्सव में एक से बढ़कर एक बालुका कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। ओडिशा पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित पांच दिवसीय बालुका कला उत्सव में इस बार कोरोना महामारी के चलते केवल देश के 30 प्रतिभागी शामिल हैं। श्रीलंका, सिगापुर, रूस, मैक्सिको, घाना, कनाडा, स्पेन, जर्मनी से बालुका कलाकार इस बार कोरोना के चलते उत्सव में भाग नहीं ले सके हैं। पांच दिवसीय इस उत्सव में पिछले वर्षो की तुलना में दर्शकों की भी कम भीड़ रही। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 30 प्रतिभागियों में एक नाम राजेंद्र साहू उर्फ राजू साहू का भी है जो सुंदरगढ़ जिला के राजगांगपुर के आइटी कालोनी के निवासी एवं पेशे से शिक्षक भी हैं। इस बालुका कला उत्सव में वह चौथी बार हिस्सा लिया। इस साल उनकी थीम साहसिक पर्यटन एवं आदिवासी जीवन थी। इसे उन्होंने बालू पर उकेरा। जिसकी सभी ने सराहना की है।

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राजू साहू ने उत्सव के आयोजन की सराहना की है। बताया कि इस तरह के आयोजन ओडिशा पर्यटन विभाग की तरफ से हर साल किया जाना सराहनीय है। इस तरह के आयोजन से बालुका कलाकारों को काफी प्रोत्साहन मिलता है और आगे बढ़ने का मार्ग खुलता है। इस उत्सव के समापन पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को प्रमाणपत्र के साथ नकद पुरस्कार दिया जाएगा। बालुका कला में देश-दुनिया में अपनी छाप छोड़ने वाले पद्मश्री सुदर्शन पटनायक इस वर्ष महोत्सव में मुख्य क्यूरेटर हैं। ------------

नहर में दरार आने से खेतों में भरा पानी, फसल हो रही बर्बाद

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लहुणीपाड़ा ब्लाक के कलईपोष पंचायत के धमनाधर डैम से निकली नहर में दरार आ जाने से खेतों में अधिक पानी जा रहा है एवं फसल बर्बाद हो रही है। इसे बंद करने के लिए विभाग से शिकायत के बावजूद पहल नहीं होने पर लोगों ने बीडीओ का ध्यान आकृष्ट कर इसकी मरम्मत की मांग की गई है। धमनाधर डैम से नहर निकालकर आसपास के खेतों की सिंचाई की व्यवस्था की गई है। नहर की मरम्मत नहीं होने के कारण जगह-जगह दरार आ गई है। पानी किसानों के खेतों में जा रहा है एवं इससे सब्जी, सरसों, चना आदि फसल बर्बाद हो रही है। वहीं, पानी बर्बाद होने से दूर के खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। कोरोना काल में किसान विभिन्न लैंपस से ऋण लेकर फसल बोए हैं जिन्हें नुकसान हो रहा है। इससे केंदुडीह गांव के किसानों को अधिक क्षति हो रही है।


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