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हटिया-बिमलागढ़ रेललाइन का काम करने पहुंचे अधिकारियों का विरोध

हटिया-बिमलागढ़ रेलमार्ग पर संतोषपुर के सामने रेललाइन के बगल निर्माण का कार्य करने पहुंचे रेलवे के कंस्ट्रक्टशन विभाग के कर्मचारियों को ग्रामीणों के विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 06:55 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 06:55 AM (IST)
हटिया-बिमलागढ़ रेललाइन का काम करने पहुंचे अधिकारियों का विरोध
हटिया-बिमलागढ़ रेललाइन का काम करने पहुंचे अधिकारियों का विरोध

संवाद सूत्र, राउरकेला : हटिया-बिमलागढ़ रेलमार्ग पर संतोषपुर के सामने रेललाइन के बगल निर्माण का कार्य करने पहुंचे रेलवे के कंस्ट्रक्टशन विभाग के कर्मचारियों को ग्रामीणों के विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है जहां पर निर्माण होना है, वहां पर धान के खेत है। रेलवे द्वारा बिमलागढ़ से रांची मार्ग तक दूसरी रेललाइन का निर्माण किया जाना है। इसका बंडामुंडा आंचलिक परिषद द्वारा विरोध किया जा रहा है। समस्या का समाधान होने तक निर्माण कार्य नहीं होने देने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग के अधिकारी बंडामुंडा आरपीएफ के साथ कार्य के लिए वहां गए थे। लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि पहले उनकी मांगों पर विचार कर समाधान किया जाए, इसके बाद काम शुरू किया जाए।

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रेलवे साइडिंग से श्रमिकों की छंटनी का विरोध : सुंदरगढ़ जिले के लौह अयस्क खान क्षेत्र की रेलवे साइडिग में नए ठेकेदार को लोडिग का ठेका देने तथा श्रमिकों की जगह मशीन के जरिए काम करने की योजना का सीटू की ओर से विरोध किया गया। बुधवार को रक्सी रेलवे साइडिग में जनसभा हुई। इसमें सीटू के नेताओं के साथ बड़ी संख्या में श्रमिक शामिल हुए एवं एकजुटता का आह्वान किया गया।

रक्सी, रेंजड़ा, विमलागढ़, पट्टासाई रेलवे साइडिग में ठेकेदार बदलने व यहां मशीन से माल लोडिग की योजना बनाई है। इसकी सूचना मिलने पर बुधवार को बणई के विधायक लक्ष्मण मुंडा की अध्यक्षता में जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें दलालों की सक्रियता एवं श्रमिकों के शोषण के खिलाफ आंदोलन तेज करने का आह्वान किया गया। साइडिग में कार्यरत सैकड़ों श्रमिकों की छंटनी करने, मशीन के जरिए लोडिग करने, मजदूरी घटाने जैसे कदम का विरोध किया जाएगा। श्रमिकों के रोजगार का ख्याल रखते हुए नए ठेकेदार के द्वारा मजदूरी का निर्धारण व उन्हें सुविधा देने पर विचार यूनियन के जरिए ही कराने पर जोर दिया गया। इसमें श्रमिक नेता प्रमोद सामल, गोपी महंतो, हृदयानंद यादव, आनंदमसी होरो, हरीश राय समेत अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे व श्रमिक एकता बनाए रखने का आह्वान किया।


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