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प्रमाणपत्र के लिए दर-दर भटक रही नाबालिग दिव्यांग रंजीता

यूं तो केंद्र एवं राज्य सरकार गरीब तबके के लोगों के लिए ढेर सारी योजनाएं चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 07:08 AM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 07:08 AM (IST)
प्रमाणपत्र के लिए दर-दर भटक रही नाबालिग दिव्यांग रंजीता
प्रमाणपत्र के लिए दर-दर भटक रही नाबालिग दिव्यांग रंजीता

संसू, राजगांगपुर : यूं तो केंद्र एवं राज्य सरकार गरीब तबके के लोगों के लिए ढेर सारी योजनाएं चल रही है। बच्चे जन्म से लेकर उसके मरने तक योजनाएं ही योजनाएं हैं। लेकिन आज भी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व मनमानी रवैये के कारण जरूरतमंद लोगों के पास तक ये योजनाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। इस कारण वास्तविक लाभुक सरकारी सुविधा से वंचित हो रहे हैं।

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एक ऐसा ही मामला राजगांगपुर प्रखंड क्षेत्र के बुचकुपाडा पंचायत अंतर्गत सिलीकुदर गांव से सामने आया है। सिलीकुदर गांव निवासी रनथू एक्का की दस वर्षीय पुत्री रंजीता एक्का की मानसिक हालत ठीक नहीं रहने के साथ वो बचपन से ही बोलने में असमर्थ है। वर्ष 2019 में स्थानीय राष्ट्रीय विद्यालय स्कूल में दिव्यांग परीक्षण शिविर का आयोजन हुआ था। इसकी जानकारी मिलने पर रनथू एक्का भी बेटी रंजीता को लेकर शिविर में पहुंचे तथा उसकी जांच कराई। साथ ही दिव्यांग प्रमाणपत्र के लिए लिखित आवेदन भी दिया। तत्सयम शिविर में रंजीता की जांच करने वाले चिकित्सक ने रनथू को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही उन्हें दिव्यांग प्रमाणपत्र निर्गत कर दिया जाएगा और बच्ची की चिकित्सा के लिए सरकार के नियमानुसार सुविधा दिलाई जाएगी। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी रंजीता को आजतक प्रमाणपत्र नहीं मिल पाया है और ना ही कोई चिकित्सा सुविधा सरकार की ओर से मुहैया कराई गई। इस दौरान रनथू एक्का ने दिव्यांग प्रमाणपत्र के लिए वार्ड सदस्य से लेकर सरपंच तक कई बार फरियाद की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि राजगांगपुर ब्लाक कार्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर रंजीता एक्का का घर है। रोजाना वार्ड सदस्य सहित सरपंच का आना-जाना ब्लाक कार्यालय में होता है। इसके बावजूद किसी ने भी गरीब रंजीता की सुधि लेने की कोशिश नहीं की और ना ही सहयोग का हाथ बढ़ाया। गांव के लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधियों की मनमानी और लापरवाही के कारण आज भी सही लाभुकों को सरकार की योजनाओं से वंचित रखा गया है। यह उच्च स्तरीय जांच का विषय है। जिला प्रशासन को मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। कोट

उनके पास अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। जानकारी मिलने पर इस मामले की जांच करने के बाद अतिशीघ्र कार्रवाई करने के साथ रंजीता को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। -पीयूष लोहार, प्रखंड विकास पदाधिकारी


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