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कुकुड़ा लैंपस एमडी के पास 1.41 करोड़ की संपत्ति

राजगांगपुर स्थित कुकुड़ा लैंपस के प्रबंध निदेशक परीक्षित साहू के राजगांगपुर स्थित आवास एवं कार्यालय पर शुक्रवार की सुबह से विजिलेंस के तीन डीएसपी चार इंस्पेक्टर समेत 20 सदस्यीय टीम ने छापेमारी कर सघन जांच पड़ताल की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 09:52 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 09:52 PM (IST)
कुकुड़ा लैंपस एमडी के पास 1.41 करोड़ की संपत्ति
कुकुड़ा लैंपस एमडी के पास 1.41 करोड़ की संपत्ति

संवादसूत्र, राजगांगपुर : राजगांगपुर स्थित कुकुड़ा लैंपस के प्रबंध निदेशक परीक्षित साहू के राजगांगपुर स्थित आवास एवं कार्यालय पर शुक्रवार की सुबह से विजिलेंस के तीन डीएसपी, चार इंस्पेक्टर समेत 20 सदस्यीय टीम ने छापेमारी कर सघन जांच पड़ताल की। सुंदरगढ़ विजिलेंस कोर्ट से जारी स्पेशल वारंट पर विभाग की ओर से आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू की। जांच के दौरान साहू के पास 1.41 करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्ति का पता चला है। विभाग की ओर से विभिन्न दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।

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परीक्षित साहू कुकुड़ा लैंपस में 1995 से प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में स्पेशल वारंट मिलने पर शुक्रवार की सुबह तीन डीएसपी के साथ चार इंस्पेक्टर समेत 20 सदस्यीय टीम ने राजगांगपुर भाटापाड़ा स्थित उनके आवास एवं ब्लॉक परिसर स्थित लैंपस कार्यालय में छापेमारी की गई। सुबह छह बजे से चली जांच में आय से अधिक संपत्ति का पता चला है। इसमें राजगांगपुर भाटापाड़ा में तीन मंजिला आवास, भाटापाड़ा राजगांगपुर में एक प्लाट, एक चार पहिया वाहन, दो दोपहिया वाहन, 16.07 लाख का बैंक जमा व फिक्स डिपाजिट, 14.24 लाख के घरेलू सामान, 8.21 लाख का बीमा, स्वर्णाभूषण एवं अन्य चल अचल संपत्ति समेत कुल 1.41 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है। विभाग की ओर से विभिन्न दस्तावेज जब्त किए गए हैं एवं इसकी जांच की जा रही है जिसमें और अधिक संपत्ति का पता चल सकता है। राउरकेला विजिलेंस विभाग के डीएसपी बीरेंद्र कुमार नायक, सुंदरगढ़ के सुधांशु शेखर पुजारी एवं झारसुगुड़ा के डीएसपी प्रदीप कुमार आइंच के नेतृत्व में विभागीय टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि परीक्षित साहू ने राजगांगपुर लैंपस में क्लर्क के रूप में नौकरी शुरू की थी। इसके बाद पदोन्नति पाकर वह लैंपस में कैशियर बने एवं कुछ वर्ष तक इस पद पर कार्य करने के बाद वर्ष 2007 में वह इसी लैंपस के एमडी बने और अभी तक वह इस पद पर बने हुए हैं। एक ही जगह बीस वर्षो से अधिक रहना लैंपस प्रबंधन पर भी बहुत सारे सवाल खड़ा कर रहा है जो उच्चस्तरीय जांच का विषय है।


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