जल जीवन का अनमोल रत्न : विश्वाल
दैनिक जागरण के बैनर तले विवेकानंद स्कूल में चल रहे कलम के सिपाह
संवाद सूत्र, राजगांगपुर : दैनिक जागरण के बैनर तले विवेकानंद स्कूल में चल रहे कलम के सिपाही के कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद स्कूल की प्रधानाध्यापिका रश्मिता विश्वाल ने कहा कि जल जीवन का अनमोल रत्न है ,इसे बचाने का करो जतन।
जल जीवन का श्रोत है तथा जल ही जीवन है। अब पानी का महत्व दिनों दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि पानी का भंडार लगातार कम होता जा रहा है। धरती पर कुल जल का केवल मात्र एक फीसद ही पीने लायक है। फिर भी लोग अक्सर पानी की बर्बादी करते रहते हैं। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पानी बचाना चाहिए वरना वह दिन दूर नहीं जब हम पानी की एक एक बूंद के लिए तरसेंगे। जल है तो कल है, जहाँ पानी होता है वहां जीवन होता है। पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। हमारी पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है ,क्योंकि यहां पानी और जीवन को संभव बनाने वाली अन्य सभी चीजें उपलब्ध हैं। अन्य ग्रह जैसे कि मंगल ,बुध या शुक्र पर जीवन संभव नहीं है। वे किसी बंजर रेगिस्तान के सामान है क्योंकि वहां पानी नहीं पाया जाता है। पानी जीवन के लिए जरूरी है और साथ ही यह वातावरण को भी स्वच्छ बनाता है।