प्रशासन की नाक के नीचे मालामाल हो रहे स्क्रैप माफिया
नगर के जामपाली में स्थित और लगभग डेढ़ साल से बंद पड़ी ओडिशा आयरन एंड स्टील लिमिटेड (ओआइएसएल) कंपनी के परिसर में फिर से कबाड़ माफिया सक्रिय हो गए हैं।
संसू, राजगांगपुर : नगर के जामपाली में स्थित और लगभग डेढ़ साल से बंद पड़ी ओडिशा आयरन एंड स्टील लिमिटेड (ओआइएसएल) कंपनी के परिसर में फिर से कबाड़ माफिया सक्रिय हो गए हैं। बंद कंपनी से करोड़ों रुपये के माल पर हाथ साफ किया जा रहा है। सुरक्षा रक्षकों से मिलीभगत कर घटना को अंजाम देने का आरोप है। डेढ़ वर्ष पहले कंपनी के बड़े अधिकारी रातों रात फरार हो गए थे। कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों का वेतन तक नहीं चुकाया था। इस कंपनी में ठेकेदारों का भी बहुत पैसा डुबा कर कंपनी फरार हो गई थी। न कंपनी के किसी कर्मचारी का बकाया वेतन मिला और ना ही ठेकेदारों का बकाया मिला। जब से कंपनी के मालिक यहां से रातों रात भागे हैं तब से इस कंपनी में पड़े करोड़ों रुपये के स्क्रैप की चोरी दिन दहाड़े हो रही है। दिन हो या रात हर वक्त यहां स्क्रैप माफिया कंपनी के भीतर पड़े महंगे स्क्रैप को काट काट कर चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि दिन दहाड़े इस कारखाने में हो रही चोरी की न तो प्रशासन को खबर है और ना ही बगल में रह रहे ग्रामीणों को।
उल्लेखनीय है कि बंद पड़े इस कारखाना को पहले इलाहाबाद बैंक अपने अधीन लिया था पर कुछ कारणों से सितंबर महीने में बैंक ऑफ इंडिया ने इसे अपने अधीन लिया है। जब से बैंक ऑफ इंडिया इस बंद पड़े कारखाना को अपने अधीन लिया है तब से कारखाने की सुरक्षा में तैनात कर्मियों का वेतन नहीं दिया है। बैंक ऑक्शन के मकसद से इस कारखाने को लिया है। इधर, जामपाली लोगों का कहना है कि जिस मकसद से बैंक ऑफ इंडिया इस कारखाने को अपने अधीन लिया है। वह मकसद पूरा नहीं हो पाएगा, जब तक ऑक्शन करने का समय आएगा तबतक कारखाने का एक एक कल पुर्जा स्क्रैप माफिया द्वारा साफ कर दिया जाएगा। दिन रात इस कारखाने से स्क्रैप चोरी की घटना हो रही है। कारखाने की पीछे की दीवार तोड़ दी गई है जिससे घुसकर धड़ल्ले से स्क्रैप चोरी का काम चल रहा है। प्रशासन की नाक के नीचे से यह सबकुछ हो रहा है लेकिन जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही है।
जामपाली में स्थित यह ओडिशा स्टील एंड आयरन कंपनी है, जो वर्ष 2019 से बंद पड़ी है। कंपनी के प्रबंधक पुणे में रहते हैं। कारखाने की देखरेख के अभाव से यहां रोजाना कीमती सामान चोरी किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि सुरक्षा रक्षकों की मौजूदगी में इतना भारी भरकम सामान चोरी करना संभव नहीं है। चूंकि, घटना सुरक्षा रक्षकों की मौजूदगी में हो रही है, इसलिए इस प्रकरण में मिलीभगत से घटना को अंजाम देने का आरोप से इंकार नहीं किया जा सकता है। लगभग डेढ़ साल से बंद पड़े इस कारखाना से लोहा और तांबा चोरी करने की घटनाएं लगातार हो रही हैं।