रानीबंध में चाकू की नोक पर हाइवे पर दो ट्रक चालकों से लूट
रानीबंध में मौजूद रेस्टोरेंट के सामने खड़े ट्रकों से हाइवे लुटेरा गैंग के सदस्यों ने चाकू की नोक पर दस हजार रुपये सहित मोबाइल लूट लिया।
संसू, राजगांगपुर : रानीबंध में मौजूद रेस्टोरेंट के सामने खड़े ट्रकों से हाइवे लुटेरा गैंग के सदस्यों ने चाकू की नोक पर दस हजार रुपये सहित मोबाइल लूट लिया। भागने के क्रम में ट्रक चालकों ने एकजुट होकर दो बदमाशों को पकड़ लिया जबकि छह फरार होने में सफल रहे। घटना शनिवार की भोर करीब तीन बजे की बतायी गई है।
चलती रेस्टोरेंट के सामने खड़े ट्रकों पर शनिवार की भोर सुबह 3 बजे हाइवे लुटेरा गैंग के आठ नकाबपोश लुटेरों ने धावा बोल दिया। सबसे पहले लुटेरे रेस्टोरेंट के सामने खड़े ट्रक के पास पहुंचे और वाहन का दरवाजा खोल अंदर सो रहे चालक निवास राणा पर चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया। उसके साथ मारपीट कर चार हजार रुपये, सोने की चेन सहित मोबाइल फोन लूट लिया। इसके बाद बदमाश दूसरे ट्रक के पास पहुंचे तथा वाहन चालक पर हमला कर 6 हजार रुपये, मोबाइल फोन छीनकर गाड़ी की बैटरी खोलकर भागने की फिराक में थे। तभी ट्रक चालकों द्वारा शोर मचाए जाने से अन्य ट्रक चालक जग गए और एकजुट होकर तीन बाइक पर आए आठ लुटेरों में से दो को दबोच लिया जबकि छह भाग निकले। पकड़े गए लुटेरों की जमकर पिटाई करने के बाद पुलिस के हवाले किया गया है। पुलिस बाकी लुटेरों तक पहुंचने के लिए मामले की छानबीन कर रही है। पकड़े गए लुटेरों में एक रानीबंध का बोबी रणा बताया गया है।
ओलावृष्टि के बाद कोरोना ने तोड़ी सुंदरगढ़ के किसानों की कमर
आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के किसान ओलावृष्टि के बाद कोरोना की मार झेल रहे हैं। उन्हें सब्जी का उचित दाम नहीं मिल रहा है। दवा खाद आदि नहीं मिलने कारण खेती का काम भी ठप सा हो गया है। ऐसे में ऋण लेकर खेती करने वाले किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं ।
जिले के बिसरा ब्लाक अंतर्गत जराइकेला मोहीपानी, नुआगांव ब्लाक के बड़ा जोजोदा,चीता पीढ़ी, सोरदा, बारलेप्टा, नवागांव तथा लाठीकटा ब्लॉक के 10 से अधिक पंचायतों के किसान सैकड़ों एकड़ जमीन पर टमाटर, शिमला मिर्च, बैंगन, तरबूज, मिर्ची, भिडी, करेला, कद्दू, लौकी, खीरा, झींगा समेत विभिन्न प्रकार की सब्जी की खेती करते रहे हैं। फरवरी-मार्च महीने में बारिश के साथ ओलावृष्टि से इनकी 40 फीसद से अधिक फसल नष्ट हो गई है। बची फसल से कुछ मिलने की उम्मीद थी पर वह भी कोरोना के चलते खेतों में ही बर्बाद हो रही है। बाजार बंद होने के कारण सब्जी की मांग घट गई है एवं उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा है। ऋण लेकर खेती करने वाले किसानों की चिता और अधिक बढ़ गई है। अधिकतर किसान बैंक, लैंपस के अलावा महिला समिति कर्जदार हैं। फसल नष्ट होने के संबंध में किसानों की ओर से प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया है। इसके बावजूद उन्हें राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। किसानों को क्षतिपूíत एवं ऋण माफ नहीं हुआ तो उनकी आíथक स्थिति और खराब होगी।