अल्लाह बंदों को आजमाता है : पाका बाबू
कोरोना की लहर के बीच शहर में शुक्रवार को ईद का त्योहार मनाया गया। पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना संक्रमण के कारण ईद का त्योहार फीका रहा।
संसू, राजगांगपुर : कोरोना की लहर के बीच शहर में शुक्रवार को ईद का त्योहार मनाया गया। पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना संक्रमण के कारण ईद का त्योहार फीका रहा। मुस्लिम समुदाय के द्वारा कोविड नियमों का पालन करते हुए बहुत ही सादगी के साथ ईद का त्योहार मनाया गया। रोजेदारों ने गुरुवार को चांद का दीदार होने के बाद से ही एक दूसरे को ईद की बधाई देना शुरू कर दी थी। गुरुवार की शाम को रमजान की आखिरी नमाज घरों में पढ़ी गई। शुक्रवार को ईद के अवसर पर लोगों ने अपने-अपने घरों में अल्लाह की इबादत की। मस्जिदों में इमाम के साथ शारीरिक दूरी बनाते हुए महज तीन से चार लोगों ने नमाज अदा की। इस दौरान सभी ने देश की खुशहाली और कोरोना वायरस जैसी भयावह महामारी को विश्व से जड़ से खत्म करने के लिए अल्लाह से दुआ की। कांग्रेस टाउन अध्यक्ष इफ्तखार अहमद उर्फ पाका बाबू ने कहा की ईद उल फितर की सुबह घर पर ही अल्लाह की इबादत की और महामारी के जड़ से खत्म होने की दुआएं मांगी है। वहीं, बीजद नेता शोएब आलम ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान सबर का महीना होता है और इस माह में अल्लाह बंदों को हर तरह से आजमाता है। कोरोना महामारी के दौरान अल्लाह ने आजमाइश की है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए इससे बड़ी परीक्षा की घड़ी क्या होगी। जहां रोजेदार रोजा तो रखा, लेकिन मस्जिद में जाकर इबादत नहीं कर सका। अल्लाह से दुआ मांगी है कि जल्दी से हमें इस महामारी से छुटकारा दिलाए। मुस्लिम पंचायत के उपाध्यक्ष कुतूब रब्बानी ने कहा कि अल्लाह से दुआ मांगी है कि यह महामारी जल्दी से खत्म हो जाए। ताकि आने वाले साल में हम त्योहार को धूमधाम से मनाएं। ईद की मुबारकबाद देते हुए खुशियों की सौगात भेंट कर सकें।