Move to Jagran APP

अस्पताल की लापरवाही से मरीज की मौत का आरोप

कोरोना संक्रमण काल में कोविड अस्पतालों में भोजन-पानी की अव्यवस्था से लेकर इलाज में लापरवाही के मामले अक्सर सामने आते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 07:42 AM (IST)
अस्पताल की लापरवाही से मरीज की मौत का आरोप
अस्पताल की लापरवाही से मरीज की मौत का आरोप

संसू, राजगांगपुर : कोरोना संक्रमण काल में कोविड अस्पतालों में भोजन-पानी की अव्यवस्था से लेकर इलाज में लापरवाही के मामले अक्सर सामने आते हैं। ताजा मामला हाइटेक कोविड अस्पताल का है। राजगांगपुर निवासी उमाकांत दास ने हाइटेक कोविड अस्पताल में इलाज के दौरान बहन बिंदु दास की हुई मौत के लिए चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही जिला प्रशासन से मामले की जांच करने की मांग की है।

loksabha election banner

राजगांगपुर रेलवे ट्रैक्शन कॉलोनी निवासी उमाकांत दास ने बताया कि बहन बिदु दास (38) की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आठ मई को हाईटेक अस्पताल में शाम चार बजे भर्ती कराया गया था। हालत खराब होने के बाद भी कहा गया कि उसका ऑक्सीजन लेबल ठीक है तथा उसे ऑक्सीजन लगाकर छेंड स्थित बागबुडी कोविड सेंटर में भेज दिया गया। बिंदू के सीने में कफ कफ भरा होने के कारण उसे इंफेक्शन हो गया। इस कारण दो घंटे में ही उसकी हालत फिर से बिगड़ गई तथा उसे पुन: हाईटेक अस्पताल लाया गया। रविवार की सुबह साढ़े आठ बजे उसे बहन का फोन आया कि उसे भूख लग रही है। यहां कुछ खाने को अभी तक नहीं मिला है। उमाकांत ने बताया कि मैंने बाहर से एक दोस्त के हाथों नाश्ता सुबह 8.45 में भिजवाया। वहां ड्यूटी पर मौजूद गार्ड ने नाश्ता 11 बजे बहन के पास भिजवाया। दोपहर डेढ़ बजे फिर से फोन आया की दोपहर का खाना नहीं पहुंचा है और मेरे पेट में दर्द हो रहा है। यह उसकी लास्ट काल थी। इसके बाद बहन को लगातार फोन करते रहे पर फोन नहीं उठा। दो घंटे लगातार कॉल करने के बाद अचानक एक बार कॉल उठाकर बहन ने बोला, मुझसे बोला नहीं जा रहा है जल्दी मेरे पास आओ।

उमाकांत ने बताया कि वह राजगांगपुर से एक घंटे में अस्पताल पहुंचा और सीधे बहन के सी सेक्शन के बेड नंबर दस में गया। वहां देखा तो उसकी हालत काफी खराब थी। उसे देखने वाला कोई नहीं था। जैसे ही डॉक्टर को बुलाकर उसका ऑक्सीजन लेवल चेक करवाया तो वह 60 पर था। डॉक्टरों को बार-बार बोलने के बाद उसे आइसीयू में रात के आठ बजे ले जाया गया। रात के 11 बजे उसे वेंटिलेटर में रखा गया। रात दो बजे अस्पताल से फोन आया कि उसका निधन हो गया है। उमाकांत का आरोप है कि यहां सिर्फ कोविड मरीजों को भर्ती कराया जाता है। बेड में डालने के बाद अस्पताल के छोटे से बड़ा स्टाफ तक बेफिक्र हो जाते है। भीतर मरीज की किसी तरह की जांच नहीं होती। ना तो कोई डॉक्टर ठीक से देखता है। एक तरफ प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा है। वहीं, कोविड अस्पतालों में मरीजों की समुचित देखभाल के अभाव में जान जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.