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डेयरी फार्म के नाम पर ढाई सौ करोड़ का घोटाला उजागर

शहर के 95 किसानों के नाम पर बैंक खाता खोलकर डेयरी फार्म के नाम पर 9.5 करोड़ रुपये ऋण की जांच में 250 करोड़ रुपये का घपला उजागर हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 12:34 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 05:14 AM (IST)
डेयरी फार्म के नाम पर ढाई सौ करोड़ का घोटाला उजागर
डेयरी फार्म के नाम पर ढाई सौ करोड़ का घोटाला उजागर

संवादसूत्र, राजगांगपुर : शहर के 95 किसानों के नाम पर बैंक खाता खोलकर डेयरी फार्म के नाम पर 9.5 करोड़ रुपये ऋण की जांच में 250 करोड़ रुपये का घपला उजागर हुआ है। सिविल टाउनशिप स्थित माइक्रो फाइनेंस कंपनी संबंध फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड द्वारा यह ढाई सौ करोड़ से अधिक का घपला किया गया है। संस्था के चेयरमैन व पूर्व आइएएस अधिकारी लिवनूस किडो के पुत्र दीपक किडो आरोपित बनकर सामने आए है। भुवनेश्वर से जांच के बाद राउरकेला आइ आरबीआइ की चार सदस्यीय टीम के द्वारा राउरकेला स्थित कार्यालय में छापेमारी कर दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है। फिनवर्स प्राइवेट लिमिटेड की झारखंड, छत्तीसगढ़ और गुजरात में लगभग 100 शाखाएं हैं। फर्जी खाता खोलकर रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है।

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संस्थान के चेयरमैन दीपक किडो ने आदिवासी बहुल राजगांगपुर अंचल के डोमपोष, समलेइमुंडा, झगरपुर, सानवर्षा आदि गांवों में वर्ष 2017 में दुग्ध सहकारिता के नाम पर 95 किसानों से जमीन का पट्टा लेकर नौ करोड़ रुपये ऋण लेकर उसे हड़प लिया। किसानों ने इस ओर जिलापाल एवं एसपी का ध्यान आकृष्ट किया था। दीपक किडो ने बड़गांव में दीया नामक डेयरी फार्म खोला है। डोमपोष एवं आसपास के किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए एक और डेयरी फार्म खोलने के साथ ही महिलाओं को प्रतिमाह 20 हजार रुपये का रोजगार का सपना दिखाकर ऋण लेने को कहा था। महिलाओं व किसानों के द्वारा 10-10 लाख का ऋण लेने पर सहमति दी। बैंक अधिकारियों ने गांव आकर किसानों के दस्तावेज एवं हस्ताक्षर लिया। इसके लिए गांव में काउ शेड बना पर तीन साल से शेड में एक भी गाय नहीं पहुंची। किसानों का आरोप है कि डेयरी फार्म के लिए गाय खरीदने के एवज में 9.5 करोड़ रुपये बैंक से निकाले गए पर अब तक न तो गाय खरीदी गई और न ही दूध संग्रह किया गया। इस संबंध में जिलापाल एवं राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया था। इसकी जांच शुरू हुई तो पता चला कि दीपक जिस माइक्रो फाइनेंस कंपनी का चेयरमैन है उसके द्वारा एसबीआइ बैंक, यस बैंक, बंधन बैंक, यूको बैंक आदि बैको से लगभग 443 करोड़ रुपये ऋण लिया गया है। सितंबर महीने तक ग्राहकों को 391 करोड़ रुपये ऋण वितरण किए जाने की बात दर्शायी गई थी। लेकिन इसमें से 251 करोड़ का हिसाब नहीं मिल रहा है। शिकायत के आधार पर आरबीआइ की विशेष टीम ने जांच शुरु की है। दीपक के कार्यालय एवं निवास से दस्तावेज जब्त करने के साथ ही उससे पूछताछ की जा रही है।

इस संबंध में फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एवं दीपक किडो के पिता रिटायर आइएएस अधिकारी लिवनूस किडो ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। अब देखना यह है कि इतने बड़े घोटाले में किसान को न्याय मिलता है या कागजों में ही सिमट कर रह जाता है।


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