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स्थानीय नियुक्त मुद्दे पर जनसुनवाई में दिखा विरोध

बैंक एनपीए होने के बाद 2017 में बंद हो चुकी कलुंगा इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थित चैरियट सीमेंट कंपनी का स्वामित्व हासिल करने वाली मेसर्स चैरियट स्टील एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इसे शुरू करने के लिए शुक्रवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 08:11 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 08:11 PM (IST)
स्थानीय नियुक्त मुद्दे पर जनसुनवाई में दिखा विरोध
स्थानीय नियुक्त मुद्दे पर जनसुनवाई में दिखा विरोध

जागरण संवाददाता, राउरकेला :

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बैंक एनपीए होने के बाद 2017 में बंद हो चुकी कलुंगा इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थित चैरियट सीमेंट कंपनी का स्वामित्व हासिल करने वाली मेसर्स चैरियट स्टील एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इसे शुरू करने के लिए शुक्रवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इसमें वायु प्रदूषण व स्थानीय नियुक्त के मुद्दे पर विरोध दिखा। कंपनी की ओर से वायु प्रदूषण रोकने के लिए नई तकनीक के बैक फिल्टर के इस्तेमाल की बात कही गई। लेकिन लोग आश्वस्त नही दिखे। सुनवाई में मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने वायु प्रदूषण से निबटने के लिए बेहतर उपाय सख्ती से लागू करने की बात कही है। लोगों ने कहा कि जन सुनवाई में कंपनियां सभी तरह के वादे करती है, लेकिन उस पर अमल नहीं होता है। हालही में हुई महाबीर स्पंज आयरन की जनसुनवाई का लोगों ने उदाहरण दिया। कहा कि सुनवाई के दौरान दिए गए आश्वासन से कंपनी ने कन्नी काट लिया है और स्थानीय लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं।

डंपिग के दौरान होने वाले वायु प्रदूषण से सख्ती से निबटने की जरूरत :

कंपनी ने कहा कि सीमेंट के उत्पादन के लिए आवश्यक क्लिकर, फ्लाई ऐश, स्लैग, जिप्सम और कोयले जैसी सामग्री तथा तैयार सीमेंट के ड्रॉप प्वाइंट को कवर किया जाएगा। लेकिन लोगों का कहना था इससे होने वाले प्रदूषण के लिए यह नाकाफी है। इससे सख्ती से निबटने के लिए कोई बेहतर उपाय पेश नहीं कर पाई। हालांकि कंपनी के मुख्य सुरेश जोशी ने कहा कि डंपिग के समय हवा में सीमेंट उड़ जाएगी तो कंपनी को भी नुकसान होगा, इस लिए कंपनी इस पर जरूर ध्यान देगी। नियुक्त के संबंध में कंपनी ने स्पष्ट किया कि प्रत्यक्ष रूप से 95 तथा अप्रत्यक्ष तौर पर 150 लोगों को नियुक्ति मिलेगी। लोगों ने 90 फीसद नियुक्ति स्थानीय लोगों को देने की मांग की। जिस पर कंपनी ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया, लेकिन यह कहा की कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने से कंपनी को ही फायदा होगा।

पुराने कर्मचारियों की फिर से बहाली व 90 फीसद स्थानीय नियुक्त पर पेंच

पुराने सीमेंट प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति पर चुप्पी साध ली। जनसुनवाई में एक पुराने कर्मचारी ने आशा व्यक्त कि कंपनी पुराने कर्मचारियों को बहाल करने में प्राथमिकता देगी, क्योंकि वे इस पेशे के जानकार हैं। ऐसे में 90 फीसदी स्थानीय लोगों की नियुक्ति की बात को वक्ताओं ने बेमानी बताया। 6.63 एकड़ में शुरू होने वाले इस प्लांट के 2.05 एकड़ हिस्से में प्लांटेशन किए जाने की बात कही गई है। यहां पर केवल ग्रांडिग यूनिट होने के कारण जल प्रदूषण नहीं होने का कंपनी आश्वासन दिया था।

जनसुनवाई में स्थानीय लोगों की जगह दिखे कॉलेज के छात्र

उधर, जन सुनवाई को लेकर प्रचार प्रसार नही किए जाने के कारण आशानुरूप लोग नहीं पहुंचे। स्थानीय लोगों की जगह जनसुनवाई में कॉलेज छात्रों की संख्या ज्यादा दिखी। इस कारण प्रचार प्रसार कर जनसुनवाई को फिर से कराने की मांग स्थानीय लोगों ने की है।

पहले एनपीए हो चुकी थी कंपनी

चैरियट सीमेंट का स्वामित्व मैसर्स सर्राफ एजेंसी प्रा लिमिटेड (एसएपीएल) के पास था। मौके पर प्रशासनिक अधिकारी के तौर सुंदरगढ़ एडीएम विश्वजीत महापात्र, तहसीलदार मनोज दास, बीडीओ प्रशासन तराई, कंपनी की ओर से सुरेश जोशी, एसके नायक सहित सुंदरगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सरोजनी बांकरी, ओडिशा युवा शिल्पांचल के अध्यक्ष देव स्वाई, आसिफ इकवाल, गोविद सिंह, पूर्व सरपंच जोसेफ खेस, शरत सेठी समेत दस से पंद्रह लोगों ने ही अपना वक्तव्य रखा।


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