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जिले में कृषि उद्यमिता की उज्ज्वल चिगारी दिखाई दे रही है जिसे बढ़ाने की जरूरत: त्रिपाठी

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रधान सलाहकार एवं पश्चिम ओडिशा विकास परिषद के अध्यक्ष असीत त्रिपाठी मंगलवार को सुंदरगढ़ जिले के दौरे पर पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 09:53 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 09:53 PM (IST)
जिले में कृषि उद्यमिता की उज्ज्वल चिगारी दिखाई दे रही है जिसे बढ़ाने की जरूरत: त्रिपाठी
जिले में कृषि उद्यमिता की उज्ज्वल चिगारी दिखाई दे रही है जिसे बढ़ाने की जरूरत: त्रिपाठी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रधान सलाहकार एवं पश्चिम ओडिशा विकास परिषद के अध्यक्ष असीत त्रिपाठी मंगलवार को सुंदरगढ़ जिले के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने जिले के हेमगिर व टांगरपाली प्रखंड का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन दोनों प्रखंडों में कृषि उद्यमिता की उज्ज्वल चिगारी पहले से ही दिखाई दे रही है जिसे बढ़ाने की जरूरत है। मछली पालन, मुर्गी पालन, बागवानी वास्तविक संभावित क्षेत्र हैं। दौरे के बाद वे सुंदरगढ़ जिला मुख्यालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने जिलापाल निखिल पवन कल्याण के साथ उपस्थित अन्य अधिकारियों के साथ कृषि और किसानों की आजीविका परियोजनाओं, बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने जिला प्रशासन को किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए जिले में कृषि उद्यमियों का समर्थन करने के साथ साथ किसानों के बीच फसल विविधीकरण और नकदी फसलों को बढ़ावा देने की सलाह दी। वही, स्पोर्ट कांप्लेक्स के कार्य की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर पीडी डीआरडीए, सीडीएओ और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बणई अनुमंडल में पर्यटन स्थलों की उपेक्षा : प्राकृतिक मनोरम स्थलों से परिपूर्ण बणई अनुमंडल में पर्यटन की उपेक्षा की जा रही है। पर्यटन विभाग व वन विभाग की ओर से खंडाधार जलप्रपात, देवधर, तथा कोइड़ा में प्राकृतिक पर्यटन स्थल के विकास के लिए काम हुआ है पर अब भी गुरुंडिया के बादल गिरि जलप्रपात, ब्राह्मणी नदी में सिचाई परियोजना, सरसरा में सिचाई परियोजना, कोइड़ा में कुराड़ी नाले में सिचाई परियोजना का काम कर आसपास के क्षेत्र में पर्यटन स्थल बनाए जा सकते हैं। गुरुंडिया, लहुणीपाड़ा, कोइड़ व बणई ब्लाक के जल प्रपात हैं जिनका विकास पर्यटन स्थल के रूप में किया जा सकता है।

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सुंदरगढ़ जिले में बणई अनुमंडल में ही ओडिशा का सबसे ऊंचा जलप्रपात खंडाधार स्थित है। राज्य सरकार की ओर से यहां पर्यटको को आकृष्ट करने के लिए इको टूरिज्म में शामिल किया गया है तथा इस क्षेत्र में वन विभाग की ओर से विकास का काम किया जा रहा है। टेनसा में पहाड़ी की ऊंचाई पर गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया है। इसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है एवं एक महीने के अंदर आम लोगों के लिए इसे खोल दिया जायेगा। ब्राह्मणी नदी पर दार्जिंग घाट, वीरतोला घाट के साथ रुकड़ा सिचाई परियोजना, सरसरा में बड़जोर सिचाई परियोजना, कोइड़ा ब्लाक में कुराली सिचाई परियोजना के आसपास पर्यटन विकास के लिए पर्याप्त संभावना है। इसके अलावा बणई, गुरुंडिया, लहुणीपाड़ा व कोइड़ा ब्लॉक क्षत्र में घाग, मिरिग लेउटुणी, बादलगिरि, घोराघर, खंभेश्वरी, सूखानाला, मानसमुंडी आदि जल प्रपात लोगों को आकृष्ट कर रहे हैं। जहां पर्यटन विकास का काम नहीं हो पा रहा है। इसी तरह बणई में तीर्थ घाट, प्राचीन बाबा बणेश्वर मंदिर, राजप्रसाद, मा कुमारी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, बीजू पार्क, सानजोलो कलईपोष दर्शनीय स्थल पर्यटकों को आकृष्क नहीं कर पा रहे हैं।


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