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झारखंड में अभियान के बाद सुंदरगढ़ में पीएलएफआइ की गतिविधि बढ़ी

झारखंड में सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे सर्च आपरेशन के बाद सीमावर्ती सुंदरगढ़ जिले के बीरमित्रपुर विधानसभा क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) की गतिविधि फिर से एक बार बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 07:14 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 07:14 PM (IST)
झारखंड में अभियान के बाद सुंदरगढ़ में पीएलएफआइ की गतिविधि बढ़ी
झारखंड में अभियान के बाद सुंदरगढ़ में पीएलएफआइ की गतिविधि बढ़ी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : झारखंड में सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे सर्च आपरेशन के बाद सीमावर्ती सुंदरगढ़ जिले के बीरमित्रपुर विधानसभा क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) की गतिविधि फिर से एक बार बढ़ गई है। हाल के दिनों में अपने कई नेताओं की रिहाई के बाद, क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन की भूमिगत गतिविधियां चल रही हैं। स्थानीय अपराधियों, असामाजिक तत्वों और बेरोजगार युवकों को जबरन वसूली और अन्य गतिविधियों से कमाने की लालच देकर संगठन में भर्ती किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सुंदरगढ़ पुलिस जिले (एसपीडी) के तहत रायबोगा, बीरमित्रपुर और हाथीबाड़ी थाना सीमा के तहत सुदूर इलाकों में पीएलएफआइ के सदस्यों की आवाजाही बढ़ी है। विगत 17 सितंबर को पीएलएफआइ से जुड़े दो अपराधियों को रायबोगा से हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, स्थानीय लोगों ने कहा कि संगठन के खिलाफ इस तरह की छिटपुट कार्रवाई से थोड़ी बहुत ही मदद मिलती है। बीरमित्रपुर के एक व्यवसायी ने बताया कि संगठन के निचले स्तर के सदस्यों ने लगभग 50 स्टोन क्रशिंग यूनिटों और खदानों, 30 ईंट भटठों और ग्रामीण ठेकेदारों से अनाधिकृत रूप से लेवी वसूलना जारी रखा है। हालांकि, हाल के दिनों में पुलिस की कम होती गतिविधि के कारण वे क्षेत्र में अपनी उपस्थिति महसूस करा रहे हैं। बीरमित्रपुर विधानसभा क्षेत्र का नुआगांव ब्लॉक पीएलएफआइ गतिविधियों से सबसे अधिक प्रभावित होता है। सूत्रों के अनुसार, ब्लॉक के कई पंचायतों की सीमा झारखंड के साथ जुड़ती है। संगठन के सदस्य प्रभावी पुलिस गश्त के अभाव में अक्सर दोनों राज्यों के बीच आना जाना करते है। नुआगांव के सुलेमान कौरिया ने बताया कि ब्लॉक का आधा हिस्सा सुंदरगढ़ पुलिस जिले के हाथीबाड़ी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है और बाकी बिसरा पुलिस स्टेशन के तहत राउरकेला पुलिस जिले (आरपीडी) के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार को स्थानीय लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए नुआगांव पुलिस चौकी को पूर्ण विकसित पुलिस स्टेशन में बदलने के प्रस्ताव पर काम करना चाहिए। बीरमित्रपुर के विधायक शंकर ओराम ने कहा कि पीएलएफआइ गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए क्षेत्र में पुलिस के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाना चाहिए। हालांकि, राजगांगपुर एसडीपीओ, शशांक बेउरा, बीरमित्रपुर के अतिरिक्त प्रभारी ने कहा कि कहा कि क्षेत्र में पीएलएफआइ कैडर के गतिविधि के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस पीएलएफआइ के सदस्यों और अन्य अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।

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