वरदान साबित हो रहा राजगांगपुर मां गृह
सुंदरगढ़ जिले के राजगांगपुर स्थित गोशालापड़ा स्थित मां गृह गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान बन गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले के राजगांगपुर स्थित गोशालापड़ा स्थित मां गृह गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान बन गया है। राजगांगपुर मां गृह के कारण पिछले 16 महीनों में 277 माताएं लाभान्वित हुई है। यहां मां गृह जून 2019 में शुरू हुआ था। सुंदरगढ़ जिले में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 2012 से एक मां गृह स्थापित किया गया है। पांच प्रसूति गृह पहले एनएचएम फंडिग के साथ और फिर चार डीएमएफ फंडिग के साथ खोले गए।
जिला प्रशासन की आने वाले दिनों में नौ और मां गृह खोलने की योजना है। सुंदरगढ़ जैसे आदिवासी बहुल जिले में मां गृह ने जच्चा-बच्चा की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुदूर क्षेत्रों के लोगों सहित विभिन्न स्वास्थ्य जटिलताओं के लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव से कुछ दिन पहले मां गृह में रखा जाता है। यहां महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण, पौष्टिक भोजन, गर्भावस्था परामर्श और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के साथ-साथ नजदीकी अस्पताल में उसका सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। प्रसव के बाद, जच्चा-बच्चा की जांच की जाती है और घर भेज दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि 2012 से, जिले के लेफ्रीपाड़ा, लहुनीपाड़ा, गुरुंडिया, कोइडा और राजगांगपुर ब्लॉक के दूरदराज के इलाकों में पांच मदर हाउस संचालित हो रहे हैं। बाद में, लेफ्रिपाड़ा, गुरुंडिया, लहुनीपाड़ा और कोइडा में जिला खनिज संस्थान के वित्तीय सहायता से चार आठ-बेड वाले मां गृह की स्थापना की गई है। आने वाले दिनों में, हेमगिरी ब्लॉक के दुदुका, टांगरपल्ली के तलसाडीह, सबडेगा के टांगर गांव, बड़गांव के एकमा, कुतरा के खतकुरबहाल, लठीकाटा के रामजोड़ी, बणईगढ़ के टिकायतपल्ली और बिसरा में नौ और मां गृह बनाए जाएंगे।