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आरोपी अदालत से बच न पाए, पुलिस मंथन में जुटी

पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपियों को अदालतों में साक्ष्याभाव के आधार पर दोषमुक्त किए जाने और इससे निपटने के कारगर उपाय तलाशने को लेकर, संबलपुर में दो दिवसीय कार्यशाला चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:46 AM (IST)
आरोपी अदालत से बच न पाए, पुलिस मंथन में जुटी
आरोपी अदालत से बच न पाए, पुलिस मंथन में जुटी

संसू, संबलपुर : पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपियों को अदालतों में साक्ष्याभाव में दोषमुक्त किए जाने और इससे निपटने के लिए कारगार उपाय तलाशने को लेकर, संबलपुर में दो दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हो गई है। इस कार्यशाला में उत्तरांचल पुलिस रेंज के जांच अधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यशाला का उद्देश्य आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने के लिए जांच अधिकारियों को प्रशिक्षित करना है।

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मंगलवार को उत्तरांचल पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआइजी) कार्यालय परिसर में शुरू हुई इस कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि डीआइजी सत्यब्रत भोई ने संबलपुर, झारसुगुड़ा, बरगढ़, सोनपुर, बलांगीर जिला के विभिन्न स्थानों से आए जांच अधिकारियों को जरूरी टिप्स दिए। बताया कि पुलिस को चकमा देने के लिए शातिर अपराधी अपने पीछे कोई सुराग और सबूत नहीं छोड़ते। लेकिन कोई भी अपराध परफेक्ट नहीं होता। जांच अधिकारी अगर सही ढंग से ऐसे अपराध और अपराधियों के खिलाफ जांच कर पुख्ता सबूत जुटाए तो अदालतों से उनके दोष मुक्त होने पर अंकुश लग सकता है। अदालत को सबूत चाहिए। सबूत के आधार पर अभियुक्त दोषी और निर्दोष साबित होता है। अत: जांच अधिकारियों को अपनी जांच पड़ताल में सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि अदालत में कोई अपराधी सबूतों के अभाव में दोषमुक्त नहीं हो सके।


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