प्रभु के पास चले गए प्रभुदत्त प्रधान
संसू, संबलपुर : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय संबलपुरी गत रंगबती के संगीतकार प्रभुदत्त प्रधान का सो
संसू, संबलपुर : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय संबलपुरी गत रंगबती के संगीतकार प्रभुदत्त प्रधान का सोमवार की सुबह 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। इसी के साथ संबलपुरी संगीत जगत का एक बड़ा सूर्य अस्त हो गया। प्रधान के निधन की खबर से रंगबती टीम के गीतकार मित्रभानु गौंटिया, गायक पदमश्री डॉ. जितेंद्रीय हरिपाल, गायिका डॉ. कृष्णा पटेल समेत संगीत प्रेमियों ने गहरा शोक व्यक्त किया।
11 नवंबर 1943 को संबलपुर में जन्में प्रभुदत्त प्रधान की शिक्षा-दीक्षा नगर में हुई। संगीत के प्रति बचपन से ही उनकी रुचि रही और वर्ष 1969 में संबलपुर आकाशवाणी की ओर से उन्हें स्वीकृति प्राप्त संगीत संयोजक के रूप में दर्जा दिया गया। सत्तर के दशक में प्रभुदत्त और मित्रभानु गौंटिया ने मिलकर संबलपुरी गीत रंगबती की रचना की। इस गीत को गायक जितेंद्रीय हरिपाल और कृष्णा पटेल ने मिलकर गाया। रंगबती टीम ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि यह गीत देश प्रदेश की सीमा लांघते हुए विदेशों में भी लोकप्रिय हो जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ और रंगबती गीत को बीबीसी और वायस ऑफ अमेरिका ने भी खूब बखान किया। संबलपुर आकाशवाणी के लिए प्रभुदत्त ने तमाम संबलपुरी गीतों में संगीत दिया और ख्याति प्राप्त किया।
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अवार्ड और सम्मान
- 2011 में गां की जीमा चालो के लिए आकाशवाणी वाíषक अवार्ड।
- 2002 में ओडिशा संगीत नाटक अकादमी अवार्ड।
- 2006 में संबलपुर विश्वविद्यालय द्वारा पश्चिम ओडिशा सांस्कृतिक सम्मान।
- 2009 में कटक में श्री जगन्नाथ पुरस्कार
- 2011 में भुवनेश्वर में ताल वाद्य सम्मान
- 2013 में भुवनेश्वर में अरुंधती सम्मान
- 2013 में भुवने में कादंबिनी अवार्ड।
- 2015 में नई दिल्ली में जुहार सम्मान।
- 2016 में बेंगलुरु में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 2016 में भुवनेश्वर में ओडिशा लि¨वग लीजेंड अवार्ड
- 2017 में बेंगलुरु में डालखाई सम्मान।