नाटक समाज का आइना, इसे बचाए रखने के लिए सबके प्रयास की जरूरत
विश्व नाट्य दिवस के अवसर पर ओडिशा सांस्कृतिक समाज भवन में शुक्रवार की शाम संबलपुर नाट्य संस्था- नाट नाटुआ और जिला संस्कृति परिषद की साझेदारी में नाट्य दिवस मनाया गया। ओडिया और संबलपुरी भाषा के जानेमाने नाटककार राजेंद्र प्रसाद पंडा को मरणोपरांत नाट्य भवभूति सम्मान से सम्मानित किया गया।
संवाद सूत्र, संबलपुर : विश्व नाट्य दिवस के अवसर पर ओडिशा सांस्कृतिक समाज भवन में शुक्रवार की शाम संबलपुर नाट्य संस्था- नाट नाटुआ और जिला संस्कृति परिषद की साझेदारी में नाट्य दिवस मनाया गया। ओडिया और संबलपुरी भाषा के जानेमाने नाटककार राजेंद्र प्रसाद पंडा को मरणोपरांत 'नाट्य भवभूति सम्मान' से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर नाटककार व शिक्षाविद डा. दिलीप कुमार पंडा मुख्यअतिथि, नाटककार व अध्यापक चूड़ामणि रथ मुख्यवक्ता और संबलपुर नाट्यकला परिषद के अध्यक्ष शिव नारायण सत्पथी सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। आगत अतिथियों ने इंटरनेट और डीटीएच युग में नाटक पर मंडरा रहे खतरे और इस खतरे से नाटकों को बचाए रखने के लिए की जा रही कोशिशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नाटक समाज का आइना है, इसे बचाए रखने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।
इस अवसर पर, बूढ़ाराजा हाईस्कूल और हिदी हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं ने लघु नाटकों का मंचन किया। नाट्य कलाकार नरेंद्र बेहेरा ने भी एकल नाटक का प्रदर्शन किया। नाट नाटुआ के संयोजक वीरुपाक्ष प्रधान ने कार्यक्रम को लेकर प्रारंभिक जानकारी दी, जबकि सरोज दास और मानस मिश्र ने कार्यक्रम का संयोजन किया। सूर्य पाणिग्राही ने सभाकार्य का संचालन और अतिश सत्पथी ने अतिथि परिचय प्रदान किया। सुनील कर और सिद्धार्थ पंडा ने विश्व नाट्य दिवस पर भेजे गए संदेशों का पाठ किया, जबकि नाटककार सत्यरंजन बेहेरा ने मानपत्र का पाठ किया और माहेश्वरी प्रसाद पाणिग्राही ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
बेलपहाड़ में हास्य नाटक 'ओलो' का मंचन
संसू, ब्रजराजनगर : बेलपहाड़ की प्रसिद्ध नाट्य संस्था मिरर थिएटर द्वारा गोमाडेरा के मालिपाड़ा में शनिवार रात को विश्व नाट्य दिवस मनाया गया। महाप्रभु जगन्नाथ तथा भगवान नटराज की पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। समाजसेवी कल्याण पटनायक की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर ईस्वर से प्रार्थना की गई। पंडित रघुनाथ नायक द्वारा इस वर्ष के नाट्य दिवस का संदेश पढ़ने के बाद सुभाष प्रधान द्वारा लिखित एवं निर्देशित हास्य नाटक 'ओलो' का मंचन किया गया। कलाकार गौरी शंकर कुम्भार, सुशांत महाराणा, सौभाग्यरंजन साहू, चितामणि मेहेर, कान्हा बगर, लव प्रधान, सबिता दास, सोनिया बेहेरा, अनिल राणा, बिनय प्रधान, श्रवण बेहेरा समेत शिशु कलाकारों का अभिनय दर्शकों को अंत तक बांधे रखने में सफल रहा । इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से जेनामनी सेठ, डॉ दिलीप नायक, सरस्वती प्रधान, संतोष साहू, दीपक महाकुड़, परमेश्वर मरई, सरोज मिर्धा, सुरेंद्र साहू तथा मनोज मेहेर इत्यादि ने आवश्यक सहयोग प्रदान किया । बतौर अथिति नाट्य कलाकार आनंद महाकुड़, शरत साहू, उमाकांत मल्लिक, सांसद प्रतिनिधि तपनकान्त जेना, रघुनंदन पंडा, तथा पूर्व पार्षद रंजीता बिस्वाल एवं नाटक निर्देशक सुभाष प्रधान उपस्थित थे।