आइटीआइ छात्राओं को जिलाधिकारी ने दिए मोबाइल
जिले के धनकौड़ा ब्लॉक स्थित बालगृह समेत जुजुमुरा ब्लॉक अंतर्गत फुलझरण स्थित डा. आइजाक सांत्रा बालनिकेतन और मानेश्वर ब्लॉक अंतर्गत छंचानपाली स्थित रुक्मिणी लाठ बालनिकेतन में रहकर आइटीआइ की पढ़ाई करने वाली सोलह छात्राओं को जिलाधिकारी शुभम सक्सेना ने मोबाइल फोन प्रदान किया।
संवाद सूत्र, संबलपुर : जिले के धनकौड़ा ब्लॉक स्थित बालगृह समेत जुजुमुरा ब्लॉक अंतर्गत फुलझरण स्थित डा. आइजाक सांत्रा बालनिकेतन और मानेश्वर ब्लॉक अंतर्गत छंचानपाली स्थित रुक्मिणी लाठ बालनिकेतन में रहकर आइटीआइ की पढ़ाई करने वाली सोलह छात्राओं को जिलाधिकारी शुभम सक्सेना ने मोबाइल फोन प्रदान किया।
बताया गया है कि कोरोना काल में संक्रमण से बचाव के लिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के बंद हैं और ऑनलाइन से पढ़ाई जारी है। ऐसे में, जिन छात्र-छात्राओं के पास ऐसे मोबाइल फोन नहीं हैं उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रहना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखने समेत मोबाइल फोन के माध्यम से अपनी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने की खातिर सोमवार को जिलाधिकारी ने विभिन्न बालनिकेतन की सोलह आइटीआइ छात्राओं को यह मोबाइल फोन प्रदान करने समेत उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। गरपोष सीएचसी में चिकित्सकों का टोटा
संसू, बामड़ा : गरपोष सीएचसी में सोमवार की शाम चिकित्सकों के ड्यूटी पर नहीं रहने के कारण आग से झुलसी एक मासूम का समय पर इलाज नहीं सका। अस्पताल पहुंचे मासूम के घरवालों ने चिकित्सीय व्यवस्था को जमकर कोसा और इसकी शिकायत जिलास्तरीय अधिकारियों से करने की बात कही। बता दें गरपोष कुलिपडा अंचल के राजा बेहेरा किसी काम के सिलसिले में घर से बाहर गए हुए थे। उनकी पत्नी तिलोत्तमा चूल्हे में खाना बना रही थी। इसी बीच वह घर से बाहर नल कुआं से पानी लेने गयी। इस समय उसकी दो वर्ष की बेटी आरती घर में खेल रही थी जो मां की अनुपस्थिति में चूल्हे के पास पहुंच गई। अचानक उसके कपड़े में आग लगने से चीखती चिल्लाती घर के बाहर दौड़ी। तिलोत्तमा मटकी में पानी लेकर वापस लौट रही थी आरती की हालत देख उसने मटकी का पानी आरती के ऊपर उड़ेल दिया था और पड़ोसियों के मदद से आरती को शाम करीब पौने सात बजे गरपोष सीएचसी लेकर गए, जहां चिकित्सकों की अनुपस्थिति में स्वास्थ्य कर्मचारी ने प्राथमिक उपचार के बाद वार्ड में शिफ्ट कर दिया। रात आठ बज कर 20 मिनट पर उसे राऊरकेला गवर्नमेंट हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। इधर, गरपोष सीएचसी के मेडिकल अफसर डा.डीके पाणिग्रही से संपर्क करने पर उन्होंने कहा फिलहाल मैं अकेला हॉस्पिटल में ड्यूटी देता हूं, बाकी चार पद रिक्त है। सीएचसी में पांच चिकित्सकों का जगह है।