कोरोना से स्वाधीनता सेनानी जितेंद्रिय प्रधान का निधन
अविभाजित संबलपुर और वर्तमान के बरगढ़ जिला के संग्रामी पीठ के रूप में प्रसिद्ध पाणिमोरा गांव ने शुक्रवार 21 जनवरी के अपराह्न स्वाधीनता संग्राम के आखिरी सेनानी जितेंद्रिय प्रधान को गंवा दिया।
संवाद सूत्र, संबलपुर : अविभाजित संबलपुर और वर्तमान के बरगढ़ जिला के संग्रामी पीठ के रूप में प्रसिद्ध पाणिमोरा गांव ने शुक्रवार, 21 जनवरी के अपराह्न स्वाधीनता संग्राम के आखिरी सेनानी जितेंद्रिय प्रधान को गंवा दिया। प्रधान 102 वर्ष के थे और गुरुवार के दिन उनका कोरोना आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आया था। उनके निधन के बाद गांव के श्मशान में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार संपन्न रहा। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में गार्ड ऑफ आनर भी दिया गया। बताया गया है कि बीते बुधवार को उन्हें इलाज के लिए बुर्ला हॉस्पिटल लाया गया था, जहां उनका कोरोना टेस्ट किया गया। एंटीजेन रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। ऐसे में डॉक्टर ने उनका आरटीपीसीआर टेस्ट किया और रिपोर्ट आने तक आइसोलेशन में रहने भेज दिया था, लेकिन उनके साथ आए लोग आइसोलेशन में रखने के बजाय वापस गांव ले गए। गुरुवार के दिन आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई और शुक्रवार के दिन उनका निधन हो गया।
वर्ष 1919 में पाणिमोरा गांव में जन्मे जितेंद्रिय प्रधान 1942 के भारत छोड़ों आंदोलन में अपने गांव के 31 युवाओं के साथ हिस्सा लिया था और उन्हें जेल जाना पड़ा था। कुंडवती से उनका विवाह हुआ था। देश की आजादी तक वह विभिन्न आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उनका कोई पुत्र नहीं था। बेटियों के विवाह के बाद वह पत्नी के साथ रहते थे। करीब पंद्रह वर्ष पहले पत्नी कुंडवती के निधन के बाद वह अपने भतीजे केशव और किशोर के परिवार के साथ रहने लगे। शुक्रवार के अपराह्न जितेंद्रिय के निधन से चारों तरफ शोक की लहर फैल गई। लोगों ने पाणिमोरा गांव पहुंचकर उनका अंतिम दर्शन किया। शाम के समय उनका अंतिम संस्कार संपन्न रहा। उनके नाती देवराज प्रधान ने मुखाग्नि दी।