संबलपुर आहार केंद्र का भोजन बर्बाद
संबलपुर महानगर निगम द्वारा संचालित आहार केंद्रों में बना सैकड़ों लोगों का भोजन फेंक दिया गया। बताया जा रहा है कि इस भोजन से करीब डेढ़ हजार लोगों का पेट भरा जा सकता था।
संबलपुर, जेएनएन। तीन दिन की आर्थिक नाकेबंदी और दो दिन की हड़ताल के दौरान जहां एक ओर सैकड़ों लोग भोजन-पानी के लिए तरसते गए वहीं संबलपुर महानगर निगम द्वारा संचालित आहार केंद्रों में बना सैकड़ों लोगों का भोजन फेंक दिया गया। गुरुवार को वायरल हुए एक वीडियो के बाद यह मामला उजागर हुआ। इसके बाद जिलाधीश समर्थ वर्मा ने महानगर निगम के उपायुक्त सुधांशु शेखर भोई को घटना की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
बताया जा रहा है कि महानगर निगम के आहार केंद्रों द्वारा फेंके गए भोजन से करीब डेढ़ हजार लोगों का पेट भरा जा सकता था। प्रदेश सरकार ने आहार केंद्रों के माध्यम से गरीब लोगों के लिए पांच रुपये में भरपेट भोजन की व्यवस्था शुरू की है। संबलपुर महानगर निगम क्षेत्र में छह आहार केंद्र है, जहां करीब तीन हजार गरीब लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था है। सरकार की इस योजना का लाभ झोपड़पट्टियों में रहने वाले गरीब परिवार के सदस्यों के अलावा मरीजों के साथ अस्पताल आने वालों समेत अन्य लोग भी उठाते हैं।
आरोप है कि सात जनवरी से 9 जनवरी के दौरान आर्थिक नाकेबंदी और हड़ताल की वजह से आहार केंद्रों में भोजन करने वालों की संख्या काफी कम रही और उनके लिए बनाया गया भोजन पड़ा रह गया। इसी भोजन को गुरुवार के दिन महानदी तट के दुर्गापाली के निकट ले जाकर फेंक दिया गया। महानगर निगम के ट्रैक्टर जब यह बचा भोजन फेंक रहे थे तभी ¨रगरोड में कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया और मामला गरमा गया। महानगर निगम की इस करतूत पर शहर के बुद्धिजीवियों ने अफसोस जताते हुए कहा है कि यह भोजन अगर राजमार्ग में तीन दिन से फंसे वाहन चालक, खलासी और कुष्ठाश्रम में रहने वालों को दिया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया और भोजन को बर्बाद कर दिया गया।
कोई चारा नहीं था बचे भोजने को फेंकने के सिवाय कोई और चारा नहीं था। नियम के अनुसार, इस भोजन को कहीं और ना तो बेचा जा सकता था और ना ही अन्यत्र बांटा जा सकता था।
- सुधांशु शेखर भोई, उपायुक्त, संबलपुर महानगर निगम।