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गांजा खेती की तलाश में निकला स्क्वॉयड निराश लौटा

कि¨सड़ा थाना अंतर्गत घने जंगलों में गांजा की अवैध खेती का पता लगाने गए स्पेशल स्क्वॉयड को शुक्रवार की शाम को निराश और खाली हाथ लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 09:51 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 09:51 PM (IST)
गांजा खेती की तलाश में निकला स्क्वॉयड निराश लौटा
गांजा खेती की तलाश में निकला स्क्वॉयड निराश लौटा

संसू, संबलपुर : कि¨सड़ा थाना अंतर्गत घने जंगलों में गांजा की अवैध खेती का पता लगाने गए स्पेशल स्कावॉयड को शुक्रवार की शाम को निराश और खाली हाथ लौटना पड़ा। इस स्क्वॉयड में पुलिस, आबकारी विभाग और वन विभाग के कर्मचारी शामिल थे। उक्त टीम ने किसिंडा थाना क्षेत्र के पानीमोरा गांव निकट जंगल में तलाशी अभियान चलाया लेकिन गांजा खेती का पता नही चल पाया।

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उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले तक कि¨सड़ा इलाका नक्सलियों का अड्डा बना हुआ था। उनके डर से पुलिस, आबकारी और वन विभाग के कर्मचारी जंगल की ओर जाने से डरते थे। अब नक्सलियों की गतिविधि नही के बराबर होने के बाद जंगल में आना-जाना शुरू हो गया है। लेकिन गांजा माफिया दो कदम आगे बताए गए हैं। गांजा की अवैध खेती ऐसे दुर्गम स्थानों में की जा रही है जहां पहुंचना मुश्किल होता है। जानकारों की माने तो संबलपुर, देवगढ़ और अनुगुल जिला के सीमावर्ती इलाके में अब भी गांजा की खेती जारी है। कुछ गांवों में यह कारोबार कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। छापेमारी से पहले इसकी सूचना मिल जाने से अवैध कारोबारी सतर्क हो जाते है और छापेमारी टीम को अक्सर खाली हाथ लौटना पड़ता है।

संबलपुर जिला के रेढ़ाखोल उपसंभाग के कई इलाकों में गांजा की अवैध खेती की जाती है। इस गांजे की गुणवत्ता काफी बेहतर होने के कारण इसकी काफी मांग है। इसी वजह से पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड़, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ के दर्जनों गांजा कारोबारी यहां रंगे हाथों गिरफ्तार भी हो चुके है।


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