माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की कर्ज वसूली पर रोक की मांग
एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लिये गए कर्ज की किस्त अदा नहीं कर पाने के क
संसू, ब्रजराजनगर : एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लिये गए कर्ज की किस्त अदा नहीं कर पाने के कारण जुनाडीह गांव की एक दो बच्चों की मां 26 वर्षीय संध्या रानी प्रधान द्वारा सोमवार को आत्महत्या करने के बाद पूरे जिले की महिलाओं द्वारा इन कंपनियों की कर्ज अदायगी पर रोक लगाने की मांग की जा रही है। एक तरफ जुनाडीह गांव की महिलाओं ने चेतावनी दी है कि इस लॉकडाउन की अवधि में काम धंधे चौपट हो जाने के बावजूद अगर इन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा कर्ज अदायगी का सिलसिला जारी रखा तो वे सामूहिक रूप से आत्महत्या कर लेंगी। दूसरी ओर जिले के लइकेरा ब्लॉक के महिला संगठनों ने मंगलवार को झारसुगुड़ा जिलाधीश से मुलाकात कर इस बाबत ज्ञापन सौंपा। इनका कहना है कि जिले के विभिन्न महिला संगठनों द्वारा अलग-अलग माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से 17 से 24 फीसद ब्याज दर पर प्रति महिला 30 से 50 हजार तक का कर्ज लिया गया है। लॉकडाउन से पहले तक इन महिलाओं द्वारा ब्याज एवं किस्त का नियमित भुगतान किया गया, लेकिन लॉकडाउन के बाद पिछले तीन महीनों से किस्त देने में असमर्थ रहीं क्योंकि उनके पास खुद के खाने का भी टोटा पड़ गया था एवं सरकार द्वारा दी गई सहायता से वे परिवार चला रही थी। ऐसी स्थिति में इन कंपनियों के प्रतिनिधि महिलाओं के पास पहुंच कर कर्ज की किस्त अदा करने की बाध्य कर रहे है। इसके साथ ही ये एजेंट धमकाते हैं कि रिजर्व बैंक के नए दिशा-निर्देशों के तहत लॉकडाउन की अवधि में शेष बची किस्तों पर 24 प्रतिशत की दर से ब्याज लागू होगा। इन एजेंटों के अमानवीय व्यवहार के चलते महिलाओं में मानसिक दबाव बढ़ जाता है। अंत में जिलाधीश सरोजकुमार सामल से मांग की गई है कि सरकारी नियमों के तहत एवं वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान ने रखते हुए इन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के कर्ज की किस्त अदायगी पर अविलंब रोक लगाए।