केडिया कार्बन फैक्ट्री के खिलाफ मुखर हुए बीरेन सेनापति
बलंडा पंचायत स्थित केडिया कार्बन फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर यूथ इंटक ने विरोध प्रकट किया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: बलंडा पंचायत स्थित केडिया कार्बन फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण से पूरा इलाका प्रदूषित होने समेत पेयजल जहरीला होने से लोगों को ट्यूबवेल तथा तालाब का पानी पीने के लिए प्रदूषण बोर्ड ने मना किया है। साथ ही बोर्ड ने उक्त फैक्ट्री को सील किया था। लेकिन बोर्ड ने 22 दिसंबर को सशर्त फैक्ट्री खोलने का निर्देश जारी कर दिया जिसके दूसरे दिन कारखाना फिर से खुला। लेकिन शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा। यह आरोप यूथ इंटक के सलाहकार तथा डीसीसी के पूर्व अध्यक्ष बीरेन सेनापति ने लगाया है।
पत्रकारों से बातचीत में सेनापति ने कहा कि प्रदूषण बोर्ड के निर्देशानुसार जब तक उस पंचायत का भू-जल समाप्त नहीं हो जाता तब तक बलंडा वासी इस अंचल के ट्यूबवेल तथा तालाब का पानी व्यवहार नहीं करेंगें। इस दौरान केडिया कार्बन फैक्ट्री पंचायत के लोगों तथा यहां के सभी स्कूलों में बच्चों के लिए टैंकर से पीने का पानी मुहैया करायेगा। लेकिन केडिया कार्बन द्वारा बोर्ड के इस निर्देश का पालन नही कर रही है। इससे पंचायत के लोग अभी भी बोर्ड द्वारा निषेध जहरीला पानी मजबूरी में पी रहे है। इससे साफ है कि प्रदूषण बोर्ड और फैक्ट्री मालिक की साठगांठ से पंचायत में पानी नहीं दिया जा रहा है। लिहाजा यहां के लोग जहरीला पानी पीकर बीमार होंगे। उन्होंने बताया जिलाधीश सुरेंद्र कुमार मीणा के निर्देश पर 6 नवंबर को केडिया कार्बन फैक्ट्री को सील किया गया था। 6 दिसंबर को प्रदूषण बोर्ड की विशेष टीम ने क्षेत्र के जलस्रोतों की जांच कर पाया कि यहां के पानी में फेनल और सीयानाइडर की मात्रा अधिक है। इसके बाद बोर्ड ने लोगों को टयूबबेल तथा तालाब का पानी पीने से मना करते हुए केडिया कार्बन को टैंकर से क्षेत्र जलापूर्ति का निर्देश दिया था। सेनापति ने कहा कि केडिया कार्बन टैंकर या दूसरे गांव से पाइपलाइन के जरिये पानी नहीं पहुंचाती तो हम अदालत की शरण लेंगे। इस मौके पर यूथ इंटक के जिलाध्यक्ष अजय पाइकराय, झारसुगुड़ा यूथ इंटक अध्यक्ष महेंद्र मिश्र, कृष्णचंद्र साहू, कैलाश साहू, आशा ¨मज, निहार दास, ग्रामीण धनंजय मंडल उपस्थित थे।