सड़क पर रहें सजग, यही जान की सबक
सड़क पर आते जात समय यातायात के नियम का पालन करना निहायत ज
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सड़क पर आते जात समय यातायात के नियम का पालन करना निहायत जरूरी है। सड़क लगे संकेतों का भी पालन उतना जरूरी है। ऐसा करने से हम दुर्घटनाओं को टाल सकते हैं। सड़क पर लगातार हो रही दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण लापरवाही से वाहन चलाना है एवं नियमों की अनदेखी करना है। भाग दौड़ भरी ¨जदगी में लोग अधिक से अधिक वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में तेज गति खतरनाक होती जा रही है। इसी से लोगों की जान भी जा रही है।
यातायात नियमों का हो पालन : अक्सर दुर्घटनाओं का कारण यातायात नियमों का उल्लंघन है। लोग इतनी जल्दी में रहते हैं कि ग्रीन सिग्नल से पहले ही आगे निकलने की कोशिश करने लगते हैं। इसी चक्कर में अगल बगल और आगे जा रहे वाहनों से अक्सर ही भिड़ंत होती रहती है। नियमों के उल्लंघन से कई की मौत होती है और कुछ अपाहिज होकर जीवन भर पछताते रहते हैं। इसीलिए दोपहिया वाहन पर सवार होने पर हेलमेट जरूरी पहनना चाहिए। दोपहिया वाहनों का संतुलन बिगड़ने पर गिरने से मस्तिष्क पर चोट लगने की संभावना अधिक होती है। सिर पर हेलमेट हो तो इससे बचा जा सकता है। वहीं, चार पहिया वाहनों की सवारी करते समय सीट बेल्ट के इस्तेमाल से दुर्घटना का जोखिम कम होता है।
सीट बेल्ट पहने, हेलमेट लगाएं :
इसीलिए सीट बेल्ट पहने और हेलमेट लगाएं, वन वे सिस्टम का पालन करें, जल्दबाजी में ओवरटेक न करें, जाम में फंसे हों तो लगातार हॉर्न न बजाएं, सोच समझ कर यू टर्न लें, वाहन की रफ्तार पर हमेशा ध्यान रखें, सड़कों पर मुड़ते समय इंडीकेटर दें, पार्किंग में ही वाहन खड़ा करें, शराब पीकर वाहन नहीं चलाएं, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन न चलाएं, प्रवेश निषेध क्षेत्र में वाहन न ले जाएं।
तेज रफ्तार महज दिमागी फितरत : अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लोग सामन्य से अधिक गति से जाने का प्रयास करते हैं। तेज गति से वाहन चलाने से मुश्किल से पांच से दस मिनट की बचत होती है। इस पांच या दस मिनट में ऐसा कोई बड़ा काम नहीं रुकेगा। यदि आप सावधान नहीं हैं तो इसी समय को बचाने में आपको जान तक गंवाना पड़ सकता है। किसी काम से जा रहे हों तो समय से पहले निकलें। समय कम हो तो भी सामान्य गति से वाहन चलाएं जिससे आप सुरक्षित रह सकते हैं और आपके साथ सड़क पर चल रहे लोग भी सुरक्षित रह सकते हैं। दुर्घटना के समय कई बार ऐसा होता है कि अपनी गलती नहीं होने के बावजूद दूसरे के कारण लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं।