चिकित्सकों के रवैये और सुस्त व्यवस्था की महिला ने खोली पोल
प्रदेश की तीन शीर्ष अधिकारियों के आरजीएच दौरे के दौरान सेक्टर- 20 निवासी सीमा मुखी ने मीड़िया तथा वी. कार्तिकेयन पांडीयेन से शिकायत की कि शनिवार 1130 बजे वे अपनी बहु टीना मुखी के साथ डेढ़ साल के पोता ईशांत मुखी का तबीयत गंभीर रुप से खराब होने के कारण आरजीएच लेकर आयी थी।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: राउरकेला सरकारी अस्पताल में जांच के लिए पहुंची टीम के सामने सेक्टर-20 की महिला ने अस्पताल में चिकित्सकों के रवैये और सुस्त व्यवस्था की पोल खोलकर रखी दी। उसने बताया कि ड्यूटी में तैनात एक महिला चिकित्सक के पास जब बच्चे का इलाज कराने शनिवार को पहुंची तो चिकित्सक मोबाइल पर व्यस्त थी। बोलने पर भी इलाज नही की। जिसके कारण सीमा की बहु टीना द्वारा बच्चे की हालत गंभीर होने पर इलाज नहीं करने पर चिल्ला कर बोलने पर उक्त महिला चिकित्सक ने बच्चें का इलाज कर उसे बाल स्वास्थ्य विभाग में भर्ती करने का निर्देश दिया। इसके अलावा आरजीएच के चिकित्सकों द्वारा अधिकतर दवाई बाहर दवाई दुकान से खरीद कर लाने की शिकायत की। महिला को अधिकारियों से शिकायत करने से अधिकारियों के सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी तथा सुरक्षा कर्मचारी रोकते रहे। लेकिन जाते- जाते वी. कार्तिकेयन पांडेयन ने महिला की शिकायत सुन उस पर कार्रवाई करने की बात कहे गए।
उनके जाने के आधे घंटे के भीतर उपजिलापाल विश्वजीत महापात्र अधिकारियों के निर्देश पर दौड़े अस्पताल पहुंचे और बच्चे की मां, दादी से घटना के संबंध में पूछताछ किया। जिसके पश्चात उपजिलापाल ने रिर्पोट आला अधिकारियों को भेज दी।
इस संबंध में आरजीएच के डिप्टी सीएमओं शशांक कवि सतपती से ईलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर का नाम पूछे जाने पर नहीं बताया। उन्होंने कहा कि उक्त महिला को किसी ने सीखा कर भेजा था। शनिवार को उक्त चिकित्सक ने 130 मरीजों की जांच की है। इतने लोगों में से किसी ने शिकायत नहीं की है। इससे साफ पता चलता है कि उक्त महिला को किसी ने जानबूझ कर सीखा कर भेजा है। बहरहाल जो भी है अस्पताल की ओर से भी एक जांच रिर्पोट भेजी गयी है।
इसी तरह आरजीएच के प्रसूति वार्ड में लोहनीपाड़ा थाना अंतर्गत राजामुंड़ा निवासी हृषिकेश कर ने मीड़िया से शिकायत करते हुए बताया कि तीन दिन पूर्व उनकी पत्नी देवस्मिता कर को प्रसूति वार्ड में भर्ती कराया है। लेकिन उनकी पत्नी को खून की कमी होने के कारण चिकित्सक सही समय पर लिखित में नहीं देने के कारण उन्हें काफी पेरशानी का सामना करना पड़ा।