विवेकानंद के विचार समाज जोड़ने की औषधि : नरेंद्र
स्वामी विवेकानंद के विचार आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने की रामबाण औषधि हैं। भारत ही नहीं बल्कि विश्व के युवाओं के लिए उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। उक्त बातें राउरकेला के पूर्व नगरपाल सह जन कल्याण संगठन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहीं।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : स्वामी विवेकानंद के विचार आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने की रामबाण औषधि हैं। भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के युवाओं के लिए उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। उक्त बातें राउरकेला के पूर्व नगरपाल सह जन कल्याण संगठन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहीं।
युवा बुद्धिजीवी फोरम राउरकेला के तत्वाधान में उदितनगर हाई स्कूल में आयोजित स्वामी विवेकानंद जयंती उत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने शिक्षा को समाज की रीढ़ माना है। जो शिक्षा मनुष्य में आत्मनिर्भरता एवं आत्मविश्वास न जगाए, उस शिक्षा का कोई औचित्य नहीं है। शिक्षा से व्यक्तित्व का निर्माण, जीवन जीने की दिशा एवं चरित्र निर्माण होना चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है। मौके पर लक्ष्मीधर राउत, शिक्षाविद प्रशांत कुमार पति, सरकारी उच्च विद्यालय उदितनगर के प्रधान शिक्षिका शकुंतला किसान, आलुमिना एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रताप शेखर नायक मौजूद थे। प्रदीप कुमार कुंअर, अबनिद्र ओझा अतिथियों का परिचय व स्वागत किया। सुधांशु शेखर पात्र ने धन्यवाद व संचालन शैलबाला सारंगी ने किया। जबकि परमेश्वर सामल, पार्थ सारथी मित्र, विक्रम केसरी एक्का, आनंद नंद आदि ने आयोजन सफल बनाने में सहयोग किया।